सिसई प्रखंड में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान

सिसई प्रखंड के किसान इन दिनों धान, मक्का और दलहनी फसलों की बुआई में जुटे हैं, लेकिन खेतों में फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक यूरिया खाद की भारी कमी से वे बेहद परेशान हैं

By VIKASH NATH | August 17, 2025 5:13 PM

प्रफुल भगत, सिसई सिसई प्रखंड के किसान इन दिनों धान, मक्का और दलहनी फसलों की बुआई में जुटे हैं, लेकिन खेतों में फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक यूरिया खाद की भारी कमी से वे बेहद परेशान हैं. बाजारों से यूरिया अचानक गायब हो गया है, जिससे किसान दुकान-दुकान भटकने को मजबूर हैं. दुकानदारों का कहना है कि सरकारी गोदामों से खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है किसानों का आरोप है कि खुले बाजार में यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. तय कीमत 270 रुपये की जगह यूरिया की एक बोरी 450 से 500 रुपये तक बेची जा रही है. इससे गरीब और सीमांत किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. धान की फसल में इस समय टॉप ड्रेसिंग के लिए यूरिया जरूरी होता है. यदि समय पर खाद नहीं मिली, तो पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और लागत निकालना भी मुश्किल हो जायेगा. किसान नागेश्वर यादव ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही 2000 रुपये की किसान सम्मान निधि से किसानों का भला नहीं हो सकता. सरकार को चाहिए कि किसानों को आवश्यक वस्तुएं सुलभ और सस्ती दरों पर उपलब्ध करायें. उन्होंने कहा कि यह समस्या हर साल बरसात के मौसम में सामने आती है, जो सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है. किसानों ने मांग की है कि सरकार तत्काल यूरिया खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करे और कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. साथ ही दोषियों के लाइसेंस रद्द किए जाएं ताकि किसानों की मेहनत और फसल दोनों सुरक्षित रह सकें.

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