Jharkhand news: गुमला के दिव्यांग गजेंद्र सिंह आज भी पेंशन के लिए मोहताज, भीख मांगकर गुजर-बसर करने को मजबूर

jharkhand news: गुमला के गजेंद्र सिंह दिव्यांग हैं. अंगुली नहीं रहने से आधार कार्ड नहीं बन रहा है. भीख मांगकर 70 वर्षीय गजेंद्र गुजर-बसर कर रहे हैं. पेंशन भी नहीं मिलता है. किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2021 9:19 PM

Jharkhand news: दोनों हाथ व पैर से नि:शक्त 70 वर्षीय गजेंद्र सिंह को अब तक विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बना है. जिससे वह विकलांग पेंशन से वंचित हैं. जिंदा रहने के लिए गजेंद्र गुमला की शहरों में घूम-घूमकर भीख मांगते हैं. भीख में जो कुछ मदद मिल जाती है. उसी से घर का चूल्हा जलता है. गजेंद्र की बेबसी भीख मांगने तक ही सीमित नहीं है. वह हर दिन 25 किमी की दूरी तय कर घाघरा प्रखंड के अरंगी गांव से गुमला शहर भीख मांगने आता है.

हालांकि, घाघरा छोटा बाजार है. गजेंद्र को ज्यादा मदद नहीं मिल पाती. इसलिए वह गुमला आ जाता है. गजेंद्र का विकलांग प्रमाण पत्र नहीं बनने के पीछे आधार कार्ड के नियम का पेंच है. बीमारी के कारण गजेंद्र को अपनी अंगुली कटवानी पड़ी. अब अंगुली नहीं है, तो उसका आधार कार्ड नहीं बन रहा. जिससे वह सरकारी लाभ से वंचित है.

बीमारी से हाथ व पैर की अंगुली काटनी पड़ी

गजेंद्र ने बताया कि 15 वर्ष पहले बीमारी के कारण उसका हाथ और पैर खराब हो गया. जिस कारण उसे अपना हाथ और पैर की उंगली कटवाना पड़ा. जिसके बाद से वह भीख मांगकर अपना व अपनी वृद्ध पत्नी की जीविका चला रहा है. गजेंद्र ने बताया कि उसे सरकारी सुविधा के नाम पर राशन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. वह पेंशन की आस में विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कई बार ब्लॉक का चक्कर लगाया. लेकिन, उसका आधार कार्ड नहीं बन पाया. जिस कारण उसे किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

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इस मामले में घाघरा प्रखंड के अरंगी पंचायत की मुखिया मंगलमुनी उरांव ने कहा कि आधार कार्ड का नियम शुरू होने से पहले इनको विकलांग पेंशन मिलता था. लेकिन, आधार आने के बाद से इनका पेंशन बंद है. मैंने काफी प्रयास किया. परंतु नहीं बन पाया. चूंकि अंगुली कट गयी है. इस कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है.

रिपोर्ट: अंकित/अजीत, घाघरा, गुमला.

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