गुमला में नहीं है कोरोना की सबसे महत्वपूर्ण दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन, अब डॉक्टर दे रहे हैं ऐसी दलील

उन्होंने बताया कि यह इंजेक्शन काफी महंगा है. एक वायल की कीमत लगभग ढाई हजार रुपये है. जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार से प्रभात खबर ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सरकार अपने अधीनस्थ रखी हुई है. इसे खुले रूप में बाजारों में नहीं उतारा गया है. जिसके कारण यह आम दवा दुकानों में उपलब्ध नहीं है.

By Prabhat Khabar | April 20, 2021 11:55 AM

Jharkhand News, Gumla News गुमला : गुमला स्वास्थ्य विभाग में कोरोना की दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं है. इसकी जानकारी सीएस डॉक्टर विजया भेंगरा ने दी है. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन पूरे राज्य में नहीं है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी आपूर्ति नहीं की गयी है. जिस कारण गुमला में भी यह इंजेक्शन नहीं है.

उन्होंने बताया कि यह इंजेक्शन काफी महंगा है. एक वायल की कीमत लगभग ढाई हजार रुपये है. जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार से प्रभात खबर ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सरकार अपने अधीनस्थ रखी हुई है. इसे खुले रूप में बाजारों में नहीं उतारा गया है. जिसके कारण यह आम दवा दुकानों में उपलब्ध नहीं है.

उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड के कोई भी लक्षण ना हो, तो ऐसे मरीजों को या सामान्य लक्षण वाले मरीजों को देना उचित नहीं है. यदि मरीज में ऑक्सीजन की मात्रा 94 प्रतिशत से कम हो, तो रेमडेसिविर का उपयोग किया जा सकता है. तीन चार दिनों के इलाज के बाद भी मरीज को यदि तेज बुखार रहता हो व खून में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा बढ़ गयी हो, सांस लेने में, हांफने व लंग्स में अधिक संक्रमण होने पर यह रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है. जो कोरोना मरीजों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा.

रेमडेसिविर दवा संजीवनी के बराबर :

जिंदगी के लिए सांस लेते रहना और उसके लिए फेफड़ों का स्वस्थ रहना जरूरी है. परंतु कोरोना की चपेट में आकर फेफड़ों में बीमारी लिए अनेक मरीज रेमडेसिविर के लिए जद्दोजहद को मजबूर हैं. फेफड़ों में 14 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमण होने पर लगातार छह दिन रेमडेसिविर इंजेक्शन के छह डोज की दरकार होती है, जो हर 24 घंटे में देना होता है.

वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर दवा किसी संजीवनी से कम नहीं. पर कोरोना का संकट काल शुरू होने से लेकर अब तक इस दवा की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर हमेशा से संकट की स्थिति रही है.

Posted By : Sameer Oraon

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