Coronavirus In Jharkhand : झारखंड में मिनी लॉकडाउन में जब स्कूल हैं बंद, तो ऑनलाइन क्लास के साथ ऐसे निखर रही है स्कूली बच्चों की प्रतिभा

Coronavirus In Jharkhand, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने को लेकर मिनी लॉकडाउन लगा. स्कूल बंद हैं. बच्चे एक साल से घर पर हैं. ऑनलाइन क्लास चल रही है. ऑनलाइन क्लास के चक्कर में कई बच्चे मोबाइल चलाना सीख गये. वहीं कई बच्चे पढ़ाई के साथ कुछ अलग कर रहे हैं. अपनी प्रतिभा को निखारने में लगे हैं. कोई पियानो बजाने सीख रहा है तो कोई पेंटिंग कर रहा है. बच्चे खाली समय का पूरा सदुपयोग कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2021 12:00 PM

Coronavirus In Jharkhand, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने को लेकर मिनी लॉकडाउन लगा. स्कूल बंद हैं. बच्चे एक साल से घर पर हैं. ऑनलाइन क्लास चल रही है. ऑनलाइन क्लास के चक्कर में कई बच्चे मोबाइल चलाना सीख गये. वहीं कई बच्चे पढ़ाई के साथ कुछ अलग कर रहे हैं. अपनी प्रतिभा को निखारने में लगे हैं. कोई पियानो बजाने सीख रहा है तो कोई पेंटिंग कर रहा है. बच्चे खाली समय का पूरा सदुपयोग कर रहे हैं.

गुमला शहर के मुरली बगीचा निवासी विष्णु कुमार की बेटी अक्षिता श्रेष्ठ पढ़ाई के साथ-साथ पियानो बजाना व संगीत सीख रही है. सुबह, दोपहर व शाम में पढ़ाई का रूटीन बना हुआ है. ऑनलाइन क्लास भी कर रही है. इसके बाद शाम को अपने पिता से पियानो बजाना सीख रही है. विष्णु पुलिस विभाग में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. अक्षिता नेट्रोडैम स्कूल में वर्ग चार में पढ़ रही है. पिता विष्णु कुमार ने बताया कि उनकी बेटी लॉकडाउन का पूरा सदुपयोग की और पियानो बजाने सीख गयी है.

पालकोट प्रखंड के गांधी नगर के लक्की हर्षित सिंह लॉकडाउन में घर पर है. समय का सदुपयोग कर वह पढ़ाई कर रहा है. इसके लिए उसने रूटीन बनाया है. ऑनलाइन पढ़ाई भी हो रही है. वह मोर्नफोर्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोनवीर नवाटोली में वर्ग पांच में पढ़ाई करता है. कोरोना के कारण वह घर से बाहर नहीं निकलता है. हालांकि पढ़ाई के दौरान हर्षित मोबाइल चलाने सीख गया है. मोबाइल में कार्टून देखने के लिए भी एक घंटा का समय बंधा हुआ है.

बसिया प्रखंड के कलिगा गांव निवासी शौर्य कुमार दास ने लॉकडाउन में घर पर रहकर समय का सदुपयोग किया. वह पढ़ाई के साथ-साथ ड्रॉइंग व क्राफ्टिंग करने सीख गया. वह नेट्रोडैम स्कूल का छात्र है और वर्ग एक में पढ़ता है. वह मोबाइल भी चलाने सीख गयी. शौर्य ने कहा कि पढ़ाई के बाद उसे ड्रॉइंग व क्राफ्टिंग बनाने में मजा आता है. घर से बाहर नहीं निकलना है. इसलिए वह ज्यादा समय ड्रॉइंग सीखने में दे रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोबाइल चलाने सीखा.

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कामडारा प्रखंड की स्नेहा रानी वर्ग एक की छात्रा है. वह आरके सप्यार पब्लिक स्कूल कामडारा में पढ़ाई करती है. लॉकडाउन में घर के अंदर लगातार रहने से मन उब जाता है. इसलिए परिवार के लोगों ने एक बोर्ड खरीदकर ला दिया है. स्नेहा खेल-खेल में पढ़ाई करती है. कॉपी में होमवर्क बनाने के बाद वह बोर्ड में भी लिखती है. परिवार के लोग उसपर नजर रखते हैं, ताकि वह बाहर न जाये और खेल-खेल में वह पढ़ाई करे. सुबह व शाम को वह पढ़ाई करती नजर आती है.

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घाघरा प्रखंड के शौर्य कांत और धैर्य कांत वर्ग पांच के छात्र हैं. डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं. लॉकडाउन में दोनों बच्चे पढ़ाई के अलावा अपना हुनर चित्रकला को और बेहतर किया. इसके साथ ही डांस की भी तैयारी की. शौर्य व धैर्य ने जनरल नॉलेज को मजबूत करने के लिए जनरल नॉलेज की पढ़ाई यूट्यूब से कर रहे हैं. पटना के शिक्षक खान द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. छात्रों ने जनरल नॉलेज व करंट अफेयर्स को मजबूत किया. दोनों भाई खाली समय का सदुपयोग कर रहे हैं.

बिशुनपुर प्रखंड के श्रेष्ठ कुमार वर्ग चार व सृष्टि रानी वर्ग छह में है. दोनों भाई बहन डीएवी स्कूल में पढ़ते हैं. अभी स्कूल बंद है. घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई चल रहा है. स्कूल द्वारा समय-समय पर प्रतियोगिता करायी जाती है. जिसमें ये लोग हिस्सा लेते हैं. बच्चों ने कहा कि बहुत ज्यादा दिन छुट्टी हो गयी. अब स्कूल जाने का मन करता है. ऐसे कोरोना को देखते हुए घर पर ही पूरा मन लगाकर पढ़ते हैं. इसके लिए सुबह, दोपहर व शाम के लिए रूटीन बनाया हुआ है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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