गुमला जिले में 7422 कोरोना संदिग्ध, सभी कोरेंटिन में हैं

कोरोना महामारी को लेकर गुमला जिले में सात जून तक 26 हजार 751 लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई है. सभी की थर्मल गन से जांच की गयी है. इसके बाद इनके हाथों में स्टांप लगाया गया है.

By Prabhat Khabar | June 9, 2020 11:38 PM

दुर्जय पासवान, गुमला : कोरोना महामारी को लेकर गुमला जिले में सात जून तक 26 हजार 751 लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई है. सभी की थर्मल गन से जांच की गयी है. इसके बाद इनके हाथों में स्टांप लगाया गया है. इसमें 19 हजार 329 लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है, जबकि कोरोना संदिग्ध सात हजार 422 लोगों को पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर के कोरेंटिन सेंटरों में रखा गया है. वहीं जिन लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है, उनके हाथों में प्रशासन ने स्टांप लगाया है, जिससे यह पता चल जायेगा कि किसे होम कोरेंटिन में 14 दिनों तक रहने का निर्देश प्रशासन द्वारा जारी किया गया है.

इसमें जितने भी लोगों को होम कोरेंटिन किया गया है, ये सभी लोग प्रवासी मजदूर हैं और मुंबई, हरियाणा, चेन्नई, बिहार, बंगाल, दिल्ली, असम, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से लौटे हैं. वहीं कोरेंटिन सेंटरों में भी रखे गये सभी लोग प्रवासी मजदूर हैं और ये लोग भी हाई रेड जोन से गुमला लौटे हैं. डीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने बताया कि अभी तक गुमला जिले में जितने

भी कोरोना पॉजिटिव केस मिल रहा है, इसमें 97 प्रतिशत लोग प्रवासी मजदूर हैं, जो मई के महीने में गुमला लौटे हैं. रेड जोन से लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को एहतियात के तौर पर कोरेंटिन सेंटरों में रखा जा रहा है. अगर कोई कोरोना संक्रमित मिल रहा है, तो तुरंत उन लोगों को कोविड वार्ड व ब्लॉक के आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है. डीपीआरओ ने बताया कि जिला स्तर पर एक, प्रखंड स्तर पर 37 व पंचायत स्तर पर 122 कोरेंटिन सेंटर बनाये गये हैं. सभी सेंटरों में कोरोना संदिग्ध लोगों को रखा गया है.

उन्होंने कहा कि जिन 26 हजार 751 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गयी है, यह आंकड़ा सात जून तक का है. स्वास्थ्य जांच का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों, छात्रों व अन्य लोगों का गुमला में आवागमन जारी है.1721 प्रवासी मजदूरों का बना जॉब कार्डडीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से लौटे गुमला जिले के 1721 प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है. ये सभी लोग कोरोना संदिग्ध है, जिन्हें कोरेंटिन सेंटरों में रखा गया है.

ये लोग जब 14 दिन कोरेंटिन सेंटर में पूरा कर लेंगे और स्वस्थ होकर घर पहुंचेंगे, तो इन्हें मनरेगा व अन्य विकास योजनाओं में रोजगार दिया जायेगा, ताकि ये लोग दोबारा पलायन करने की न सोचे. डीपीआरओ ने कहा कि 1721 का जो आंकड़ा है, यह सात जून तक का है. आठ जून के बाद और प्रवासी मजदूर गुमला लौटे हैं, जिनका जॉब कार्ड बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि दूसरे प्रदेश से लौटे सैकड़ों लोगों का पहले से जॉब कार्ड बना हुआ था, परंतु वे मौसम के अनुसार पलायन कर जाते थे और जब बरसात होती थी, तो ये लोग अपने गांव लौट आते थे.

प्रवासी मजदूरों को अभी नहीं मिलेगा कामअभी तक जितने भी प्रवासी मजदूर लौटे हैं, वे सभी रेड जोन से आये हैं, इसलिए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा व अन्य योजनाओं में रोजगार नहीं दिया है. प्रशासन के अनुसार अभी कहा नहीं जा सकता कि मजदूरों में कोरोना संक्रमण है या नहीं. इसलिए जब ये मजदूर 14 दिनों तक कोरेंटिन सेंटर व होम कोरेंटिन पूरा कर लेंगे. इसके बाद इन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ कर रोजगार दिया जायेगा, इसलिए जबतक मजदूर कोरोना को हरा नहीं लेते, इन्हें फिलहाल में मनरेगा में काम मिलने की उम्मीद कम है.

1000 सैंपल पेंडिंग, उग्र हो रहे मजदूरगुमला जिले से सात हजार से अधिक लोगों का कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर रांची व इटकी लैब में भेजा गया है, परंतु अभी भी करीब एक हजार सैंपल पेंडिंग है. सैंकड़ों सैंपल ऐसे हैं, जिनका अब एक महीना होने जा रहा है, परंतु उनकी रिपोर्ट लैब द्वारा नहीं दी जा रही है.

इधर, मंगलवार को पुन: 125 लोगों का सैंपल लेकर रांची लैब भेजा गया है. पूर्व में भेजे गये सैंपल पेंडिंग रहने के कारण कोरेंटिन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर परेशान हैं. आये दिन गुमला में मजदूर उग्र हो रहे हैं. कई लोगों ने भागने का प्रयास भी किया है. कुछ मजदूर मानसिक रूप से परेशान हो गये हैं.

प्रखंड®संदिग्ध लोगबसिया®687भरनो®2620बिशुनपुर®58चैनपुर®592डुमरी®141घाघरा®1457गुमला सदर®42कामडारा®898पालकोट®128रायडीह®308सिसई®39गुमला शहर®32नगर भवन®420कुल®7422

(सात जून तक की रिपोर्ट)

Posted by : Pritish Sahay

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