सरकारी राजस्व जमा नहीं कर रहे हैं भरनो के 14 वेंडर

मनरेगा अंतर्गत निबंधित वेंडरों के पास वित्तीय वर्ष 2023-24 का 3698075 रुपये बकाया

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2025 10:39 PM

गुमला. भरनो प्रखंड में मनरेगा अंतर्गत निबंधित 14 वेंडर सरकारी राजस्व जमा नहीं कर रहे हैं. इन वेंडरों के पास सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 का 3698075 रुपये राजस्व (रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी) बकाया है. ज्ञात हो कि भरनो प्रखंड कार्यालय में मनरेगा अंतर्गत मेसर्स नाज कंस्ट्रक्शन, मेसर्स एचएम ट्रेडर्स, मेसर्स रतन कुमार केशरी, मेसर्स आलोक शीड फार्म, मेसर्स शगुन इंटरप्राइजेज, मेसर्स चंद्रशेखर शाही, मेसर्स सुशील केरकेट्टा, मेसर्स उदय इंटरप्राइजेज, मेसर्स किरण देवी, मेसर्स अलीम चौधरी, मेसर्स मोहर साहू, मेसर्स शिव कुमार वर्मा, मेसर्स एसएसजी ब्रिक्स व मेसर्स प्रकाश शीड एंड नर्सरी निबंधित वेंडर हैं. उपरोक्त वेंडरों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा योजनाओं में बालू, चिप्स, बोल्डर, ईंट व मोरम की आपूर्ति की गयी है, जिसके एवज में सभी वेंडरों को नियमानुसार दो करोड़, 59 लाख, 48 हजार, 121 रुपये भुगतान किया गया है. उक्त भुगतान के आलोक में सभी वेंडरों को 794264 रुपये रॉयल्टी, 117131 रुपये डीएमएफटी व 2786680 रुपये जीएसटी जमा करना है. लेकिन वेंडरों द्वारा बकाया राजस्व की राशि को जमा करने में रुचि नहीं ली जा रही है. इससे सरकार को सीधे तौर पर राजस्व का नुकसान हो रहा है. इधर वेंडरों के पास से बकाया रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी की राशि वसूली के लिए उपविकास आयुक्त (डीडीसी) सह अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा कोषांग) गुमला द्वारा भरनो बीडीओ को पत्र लिखा गया है. पत्र के माध्यम से बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर सभी 14 वेंडरों से बकाया रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी राशि की जमा कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही बकाया राशि जमा नहीं करने वाले वेंडरों को काली सूची में डालते हुए उसके विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही गयी है. पत्र में उल्लेख है कि प्रखंड स्तर पर चयनित मनरेगा वेंडरों को विभिन्न योजनाओं में आपके (बीडीओ) देख-रेख से राशि का भुगतान किया जाता है. उक्त भुगतान की गयी राशि की जांच निदेशक लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन डीआरडीएस गुमला की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जांच दल के द्वारा कराया गया है. इसमें पाया गया है कि वेंडरों को किये गये भुगतान में नियमानुसार रॉयल्टी, डीएमएफटी व जीएसटी राशि की कटौती की राशि आपके द्वारा जमा नहीं करायी जाती है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

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