मानवता जिंदा है, तभी तो हम दीन दुखियों की मदद करते हैं : धर्माध्यक्ष

दुर्जय पासवान, गुमला मानवता आज भी जिंदा है. तभी तो हम दीन दुखियों की मदद करते हैं. अगर हम किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं. तो यह पुण्य का काम है. मेरा मानना है. इस पुण्य के काम में सभी को भाग लेना चाहिए. क्योंकि ईश्वर हर मनुष्य के काम को देखता है. उसी काम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2019 8:27 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

मानवता आज भी जिंदा है. तभी तो हम दीन दुखियों की मदद करते हैं. अगर हम किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं. तो यह पुण्य का काम है. मेरा मानना है. इस पुण्य के काम में सभी को भाग लेना चाहिए. क्योंकि ईश्वर हर मनुष्य के काम को देखता है. उसी काम के अनुसार ईश्वर उसका रिजल्ट देता है. इसलिए हर मनुष्य को दीन दुखियों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए. उक्त बातें गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पौल अलविस लकड़ा ने कही. वे रविवार को संत पात्रिक एजुकेशनल सोसाइटी गुमला द्वारा शांति भवन अरमई में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

मौके पर शांति भवन में आश्रय लिये असहाय, गरीब, अनाथ व मानसिक रोगी महिला व युवतियों के बीच गरम कपड़ा का वितरण किया गया. संत पात्रिक एजुकेशनल सोसाइटी गुमला को जब पता चला कि शांति भवन में रहने वाली असहाय महिलाओं के बीच गरम कपड़ा नहीं है और ठंड का कहर शुरू हो गया है. इस जानकारी के बाद सोसाइटी ने मानवता का परिचय दिया. बिशप पौल के उपस्थिति में सभी लोगों को गरम कपड़ा दिया गया. साथ ही जरूरत पड़ने पर और मदद करने का वादा किया गया.

कपड़ा बांटने के बाद बिशप ने कहा कि आज भी अपने लोग पराये और बेगाने अपने होते जा रहे हैं. इसका उदाहरण शांति भवन में रह रही महिलाएं व युवतियां हैं. ये लोग किसी की मां, बेटी, बहन होंगी. परंतु दुख की बात है कि अपने ही रिश्तेदारों ने इन लोगों को भटकने के लिए छोड़ दिया है. लेकिन खुशी इस बात की भी है कि शांति भवन का संचालन करने वाली धर्मबहनें इन बेसहारा महिलाओं व युवतियों के लिए मां बनकर काम कर रही हैं. मैं लोगों से अपील करूंगा कि आप दीन दुखियों की मदद में जाति व धर्म न देखें. जिन्हें जरूरत है. उनकी जरूर मदद करें. ईश्वर इसका फल जरूर देता है.

मौके पर संत पात्रिक स्कूल गुमला के प्रधानाध्यापक फादर रामू विंसेंट मिंज, फादर अमृत तिर्की, फादर रंजीत खलखो, फादर कल्याण कुल्लू व शांति भवन की धर्मबहनें उपस्थित थीं.

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