गुमला की मांशी अखबार बेचकर मैट्रिक व इंटर पास की, अब कर रही हैं स्नातक

दुर्जय पासवान, गुमला... गुमला शहर की मांशी कुमारी ने अखबार बेचकर अपनी अलग पहचान बनायी है. वह गुमला की पहली बालिका है, जो अखबार बेचकर पढ़ाई कर रही है. मैट्रिक व इंटर पास करने के बाद अब वह स्नातक की पढ़ाई कर रही है. मांशी के इरादे बुलंद है. वह प्रशासनिक सेवा क्षेत्र में जाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2019 10:33 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला शहर की मांशी कुमारी ने अखबार बेचकर अपनी अलग पहचान बनायी है. वह गुमला की पहली बालिका है, जो अखबार बेचकर पढ़ाई कर रही है. मैट्रिक व इंटर पास करने के बाद अब वह स्नातक की पढ़ाई कर रही है. मांशी के इरादे बुलंद है. वह प्रशासनिक सेवा क्षेत्र में जाना चाहती है.

अखबार बेचने के अलावा हर एक पल का वह पढ़ाई के लिए सदुपयोग करती है. वह प्रतिदिन गुमला शहर के पटेल महावीर चौक के समीप स्टॉल में अखबार बेचती है. पेपर हॉकर कृष्ण देव प्रसाद की बेटी मांशी वर्ष 2014 से अपने पिता के साथ पेपर बेचते आ रही है. मांशी ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा देने के बाद से ही अपने पिता के स्टॉल में पेपर बेचते आ रही है.

उसके पिता घर-घर जाकर पाठकों के बीच अखबार पहुंचाते हैं. मांशी सुबह तीन बजे उठकर टावर चौक के समीप से पेपर अपने स्टॉल तक लाती है. उसके बाद वह सुबह नौ बजे तक अखबार के स्टॉल में बैठकर अखबार बेचती है. इसके बाद वह दिन में पढ़ाई करती है. उन्होंने अपने काम को कभी पढ़ाई के बीच में नहीं आने दिया.

मांशी ने मैट्रिक की परीक्षा उर्सुलाइन कॉन्वेंट बालिका हाई स्कूल से प्रथम श्रेणी में पास की. इसके बाद इंटर की पढ़ाई भी कॉन्वेंट से द्वितीय श्रेणी से पास की. वर्तमान में मांशी कार्तिक उरांव कॉलेज में बीकॉम पार्ट टू की छात्रा है. मांशी ग्रेजुएशन करने के बाद कॉम्पीटिशन की तैयारी कर प्रशासनिक क्षेत्र में जाना चाहती है.

प्रभात खबर ने मांशी को किया सम्मानित

प्रभात खबर गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान व प्रसार विभाग के इंचार्ज विजय चौहान द्वारा गुरूवार को मधुबाला गली स्थित प्रभात खबर के कार्यालय में मांशी कुमारी को प्रोत्साहन राशि, प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया. साथ ही मांशी का हौसला बढ़ाते हुए पढ़ाई चालू रखने के लिए कहा. जिससे मांशी बेहतर मुकाम को प्राप्त कर सकें. मौके पर जगरनाथ पासवान, जॉली विश्वकर्मा, अंकित चौरसिया, रविशंकर त्रिपाठी, कृष्णा प्रसाद मौजूद थे.