गुमला : माओवादी व जेजेएमपी के बीच तीन घंटे मुठभेड़, जेजेएमपी का एक नक्‍सली मारा गया

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला से 35 किमी दूर बरकनी गांव से सटे जंगल में रविवार को करीब तीन घंटे भाकपा माओवादी व जेजेएमपी के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है. इसमें जेजेएमपी का एक उग्रवादी मारा गया. मृतक की पहचान नहीं हुई है. वहीं इस मुठभेड़ में कई अन्य जेजेएमपी के सदस्यों के घायल होने की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 4, 2019 10:55 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला से 35 किमी दूर बरकनी गांव से सटे जंगल में रविवार को करीब तीन घंटे भाकपा माओवादी व जेजेएमपी के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है. इसमें जेजेएमपी का एक उग्रवादी मारा गया. मृतक की पहचान नहीं हुई है. वहीं इस मुठभेड़ में कई अन्य जेजेएमपी के सदस्यों के घायल होने की सूचना है. मुठभेड़ में मारे गये जेजेएमपी उग्रवादी का हथियार भी माओवादी लूटकर ले गये. मुठभेड़ व एक उग्रवादी के मारे जाने की सूचना के बाद गुमला पुलिस ने सोमवार की शाम छह बजे जंगल से शव को बरामद किया है.

बताया जा रहा है कि माओवादी के सबजोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव व जेजेएमपी के सुकर के दस्ता के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में ये दोनों कमांडर भी शामिल थे. मुठभेड़ के बाद डर से ग्रामीण घरों में दुबक गये थे. ग्रामीणों के अनुसार एक उग्रवादी घायल होकर गिर गया था. जिसे उसके साथी अपने साथ नहीं ले गये. जिसके बाद माओवादियों ने उसे पकड़कर मार डाला.

माओवादियों ने जेजेएमपी के उग्रवादी का हाथ काला रंग के कपड़े से बांधकर उसे बेरहमी से मारा है. जिससे उसकी मौत हुई है. इधर, मुठभेड़ के दूसरे दिन सोमवार को भी गांव में दहशत देखा गया. गांव के कई लोग डर से घर से नहीं निकल रहे हैं.

अचानक आमना-सामना हुए और गोली चलने लगी

जैसा दो ग्रामीणों ने बताया. रविवार को भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ बरकनी गांव पहुंचा. माओवादी बरकनी गांव से होते हुए घाघरा प्रखंड के इलाके में घुस रहे थे. वहीं जेजेएमपी के उग्रवादी भी बरकनी गांव से होते हुए घाघरा प्रखंड के एक गांव की ओर जा रहे थे.

अचानक बरकनी गांव से सटे जंगल में दोनों संगठन आमने सामने हो गये. जेजेएमपी के अधिकांश उग्रवादी सादे लिबास में थे. जबकि भाकपा माओवादी के सभी उग्रवादी काला ड्रेस पहने हुए थे. आमने-सामने होने के बाद दोनों ओर से गोली चलने लगी. उस समय गांव के कुछ लोग जंगल से पशुओं को हांकते हुए घर आ रहे थे. कुछ लोग सिर पर लकड़ी लिये हुए थे.

गोली चलने की आवाज सुनते ही ग्रामीण डर से जहां जगह मिला, वहीं छिप गये. लगातार दोनों ओर से ताबड़तोड़ गोली चलने लगी. गांव के लोग भी डर गये. वे लोग अपना काम काज छोड़कर बाल बच्चों को लेकर घरों में दुबक गये. गोली चलने के बाद कुछ उग्रवादी जंगल में ही लंगड़ाते हुए भागने लगे. कुछ देर के लिए गोली थमी तो जंगल में छिपे ग्रामीण किसी प्रकार खेत के मेढ़ से होते हुए घर पहुंचे. वहीं बरकनी गांव में बाजार भी लगा था. कुछ देर के बाद बाजार में भी सन्नाटा पसर गया था.

सुबह को खाली हाथ लौटे, शाम को मिली शव

मुठभेड़ की सूचना के बाद सोमवार की सुबह को गुमला पुलिस ने बरकनी सहित आसपास के गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया. जिस स्थान पर मुठभेड़ हुआ. वहां भी पुलिस गयी. लेकिन पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगी और पुलिस सुबह से दोपहर तक घूमने के बाद खाली हाथ गुमला लौट आयी. दोपहर में जंगल लकड़ी चुनने गये कुछ ग्रामीण व पशुओं के चरा रहे बच्चों ने जंगल में शव देखा. इसके बाद पूरे गांव में बात फैल गयी.

इसकी सूचना दोपहर में गुमला पुलिस को भी दी गयी. सूचना के बाद शाम पांच बजे गुमला पुलिस व सीआरपीएफ के जवान बरकनी जंगल घुसे और शव को बरामद कर गुमला लाये. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस सुबह को जरूर गांव आयी थी. लेकिन उस समय तक किसी के मारे जाने की सूचना नहीं थी. इसलिए पुलिस जंगलों में घूमने के बाद लौट गयी. दोपहर के बाद शव देखे जाने के बाद इसकी सूचना दी गयी और देर शाम को पुलिस ने शव बरामद की.

Next Article

Exit mobile version