गुमला : बच्‍चों के अभिभावक ने डीसी से कहा- सर स्कूल है, पर शिक्षक नहीं, बच्चे पढ़ेंगे कैसे?

जगरनाथ, गुमला सदर प्रखंड गुमला के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसिरा गुमला में शिक्षकों का भारी अभाव है. विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक पढ़ाई होती है. जिसमें कुल 331 बच्चे अध्ययनरत हैं. परंतु विद्यालय में 331 बच्चों पर मात्र पांच शिक्षक हैं. जिसमें दो सरकारी शिक्षक प्रभारी एचएम निरंजन कृष्ण सिंह व मनोज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 3, 2018 8:30 PM

जगरनाथ, गुमला

सदर प्रखंड गुमला के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसिरा गुमला में शिक्षकों का भारी अभाव है. विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक पढ़ाई होती है. जिसमें कुल 331 बच्चे अध्ययनरत हैं. परंतु विद्यालय में 331 बच्चों पर मात्र पांच शिक्षक हैं. जिसमें दो सरकारी शिक्षक प्रभारी एचएम निरंजन कृष्ण सिंह व मनोज भगत हैं और तीन पारा शिक्षक रोपना साहू, तेजनारायण साहू व सोमा खड़िया हैं.

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वहीं पारा शिक्षकों की बात करें तो वर्तमान में विद्यालय के तीनों पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. पहले तो बच्चों का पठन-पाठन कम प्रभावित होता था. परंतु पारा शिक्षकों के हड़ताल पर रहने के कारण पठन-पाठन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. बच्चों के अभिभावकों ने इस समस्या को सोमवार को गुमला उपायुक्त शशि रंजन के समक्ष रखा है.

इस संबंध में अभिभावकों ने उपायुक्त को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपा है और विद्यालय में विद्यार्थी अनुपात में शिक्षक देने की मांग की है. गणेश साहू, द्रौपदी देवी, नेमा देवी, शीला देवी, सुभाषचंद्र साहू, सुधन साहू, खालिख साहू, धीरज साहू, अमीन साहू, माठु खड़िया, रतिया खड़िया, बालगोविंद साहू, मांगू खड़िया, सुना खड़िया, चुकु खड़िया, कारी खड़िया सहित अन्य अभिभावकों ने बताया कि सर विद्यालय में बच्चे हैं. पर शिक्षक नहीं है. बच्चे पढ़ेंगे कैसे?

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गांव का विद्यालय शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. विद्यालय में पहले से ही विद्यार्थी अनुपात में शिक्षक नहीं है. वहीं वर्तमान में तीन पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं. जिससे बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.

अभिभावकों ने यह भी बताया कि लगभग तीन माह पूर्व विद्यालय में एक शिक्षक चोंगो खड़िया का नियुक्तिकरण हुआ है. परंतु चोंगो खड़िया ने भी अब तक विद्यालय में योगदान नहीं दिया है. इस पर उपायुक्त ने अभिभावकों को आश्वस्त कराया कि जल्द ही विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर करेंगे.

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