Giridih News :कांग्रेस को मिला नया जिलाध्यक्ष, भाजपा में बेसब्री से दो अध्यक्ष का इंतजार

Giridih News :नया साल आने में अब चंद दिन बाकी हैं. नये वर्ष के आगमन को लेकर जिले भर में जश्न का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक दलों द्वारा भी जश्न मनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. चूंकि वर्ष 2025 राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा है, लिहाजा हरेक दल अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में की कोशिश में है.

By PRADEEP KUMAR | December 28, 2025 11:12 PM

वर्ष 2025 में गिरिडीह जिले में राजनीतिक गतिविधियों की बात करें तो हर पार्टियां अपने-अपने मुद्दों को लेकर सक्रिय भूमिका निभाती रही. सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा ज्वलंत मुद्दों पर कई आंदोलन किये गये. साथ ही साथ एक-दूसरे पर निशाना साधने का सिलसिला भी जारी रहा. एक ओर जहां भाजपा की ओर से झामुमो और कांग्रेस पर हमला किया जाता रहा, वहीं दूसरी ओर झामुमो और कांग्रेस के निशाने पर केंद्र की भाजपा सरकार रही. इसके अलावे भाकपा माले द्वारा समय-समय पर जनता से जुड़े मामलों को लेकर आंदोलन का दौर जारी रहा. लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों की ओर से जनगोलबंदी एवं सदस्यता अभियान के जरिये सांगठनिक विस्तार की कवायद चलती रही. भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, खनिज संपदाओं की लूट सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर जिले की राजनीति हॉट रही. इस साल कांग्रेस एवं भाजपा में सांगठनिक फेरबदल हुआ. कांग्रेस को जहां सतीश केडिया के रूप में नये जिलाध्यक्ष मिले, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं को बेसब्री से गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष का इंतजार है. जिला कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद को लेकर संगठन की राजनीति गरम रही थी. इस पद को लेकर कई कांग्रेसी खूब जोर आजमाईश किये. गिरिडीह से रांची और दिल्ली तक की दौड़ लगायी गई थी. हालांकि जिलाध्यक्ष बनकर सतीश केडिया ने जिला कांग्रेस का कमान संभाल लिया है. यह दिगर बात है कि अभी तक कांग्रेस जिला कमेटी की घोषणा नहीं हो पायी है.

भाजपा ने जिले को दो भागों बांटा

जहां तक भाजपा की बात है तो गिरिडीह जिले को संगठन के दृष्टिकोण से पहली बार दो भागों में विभक्त किया गया है. इस बार गिरिडीह महानगर एवं गिरिडीह ग्रामीण के लिए अलग-अलग भाजपा अध्यक्ष होंगे. अध्यक्ष पद को लेकर रायशुमारी हो चुकी है. अध्यक्ष पद के दावेदारों का शॉर्टलिस्ट तैयार कर दिल्ली भेजा जा चुका है. यहां से अंतिम मुहर लगने के बाद अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी. इसको लेकर जिलास्तरीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बेसब्री से इंतजार है. इस बीच अध्यक्ष पद के दावेदार गिरिडीह से रांची तक दौड़ लगाकर अब घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर अगड़ा-पिछड़ा का खूब खेल चला है. अब किसके सिर पर सेहरा बंधेगा, इसको लेकर चर्चा-ए-बाजार गर्म है. अध्यक्ष पद की घोषणा इसी वर्ष हो जाएगी या फिर नये साल में होगी, इसको लेकर भाजपा अध्यक्ष पद के दावेदारों के खेमा में लगातार चर्चा हो रही है. इधर, सात माह के बाद जब भाजपा के नये मंडल अध्यक्षों के नामों की घोषणा हुई तो पद हासिल होने के बाद सबों की बांछे खिल गई. समर्थक भी झूम उठे.

सांगठनिक विस्तार की कवायद में जुटी रही राजनीतिक पार्टियां

भाजपा, झामुमो, कांग्रेस एवं भाकपा माले सरीखे पार्टियां सालों भर सांगठनिक विस्तार की कवायद में जुटी रही. जिला मुख्यालय से लेकर पंचायत तक संगठन का विस्तार करने का कार्य चलता रहा. चूंकि सांगठनिक चुनाव के मद्देनजर भाजपा नेताओं को सक्रिय सदस्य बनने के लिए सदस्यता अभियान चलाने के लिए कहा गया था. लिहाजा प्रखंडस्तर पर सदस्यता अभियान को गति प्रदान की गई थी. वहीं झामुमो की ओर से गिरिडीह शहरी क्षेत्र के अलावे प्रखंडों में सदस्यता अभियान का लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया गया है. सदस्यता अभियान चल रहा है.

नगर निकाय चुनाव की घोषणा पर टिकीं हैं निगाहें

विभिन्न राजनीतिक दलों की निगाहें नगर निकाय चुनाव की घोषणा पर टिकी हुई है. यूं तो नगर निकाय चुनाव के बाबत यह चर्चा है कि इस बार दलीय आधार पर चुनाव नहीं होगा. इसके बाद भी हरेक राजनीतिक दल नगर निकाय चुनाव की घोषणा होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावे गिरिडीह नगर निगम में मेयर पद आरक्षित होगा या अनारक्षित रहेगा, इसको लेकर भी चुनाव आयोग के घोषणा का इंतजार किया जा रहा है. इस बीच मेयर पद के कई दावेदार वेट एडं वाच की स्थिति है. जो जिस दल में हैं, उस दल के वरीय नेताओं से लगातार संपर्क स्थापित कर अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. खास बात यह है कि मेयर पद को लेकर भाजपा और झामुमो में दावेदारों की गतिविधियों तेज हो गयी है. कांग्रेस से भी कुछ दावेदार चुनावी घोषणा के इंतजार में हैं.

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