Giridih News :अमल में नहीं आयी उसरी रिवर फ्रंट व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना

Giridih News :नगर निगम क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण योजनाएं वर्ष 2025 में महज कागजों पर दौड़ती रह गयीं. इन योजनाओं को लेकर शहरवासियों को कई बार सब्जबाग दिखाये गये, लेकिन इन्हें धरातल पर नहीं उतारा जा सका. इनमें मुख्य रूप से उसरी रिवर फ्रंट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, मार्केट कॉम्प्लेक्स सहित कई विकासोन्मुखी योजनाएं शामिल हैं.

By PRADEEP KUMAR | December 29, 2025 10:19 PM

निगम की तामझाम को देखकर शहरवासियों में यह आशा जगी थी कि वर्षों का सपना अब पूरा होगा. लेकिन, जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं. नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का निर्वाचन क्षेत्र गिरिडीह विस है, इसलिए नयी परियोजनाओं को धरातल पर उतरने की आस के साथ समस्याओं के समाधान की उम्मीद थी.

नगर विकास व आवास विभाग को भेजा गया है डीपीआर

उसरी रिवर फ्रंट के साथ नदी के पांच स्थानों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है. इन दोनों ही योजनाओं को लेकर डीपीआर बन चुका है. इसे तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास व आवास विभाग को भेजा गया है. विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद इन दोनों योजनाओं का टेंडर होगा और इसके बाद काम होगा. उसरी रिवर फ्रंट लगभग 12 करोड़, वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगभग 13 करोड़ की लागत से बनना है. गिरिडीह की जनता कई वर्षों से उसरी रिवर फ्रंट बनाने की मांग करती रही है. नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की पहल पर डीपीआर बन गया है. इस योजना के तहत उसरी नदी के किनारे पार्क, जॉगिंग स्थल, लाइटिंग, ओपेन जिम, बच्चों को खेलने का साधन तथा बैठने की व्यवस्था होगी. वहीं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत गंदे नाला के पानी को शुद्ध कर नदी में छोड़ा जायेगा. पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनखंजो से लेकर झरियागादी तक बनेंगे. शहरी क्षेत्र के सभी नालों को इससे जोड़ा जायेगा.

नहीं बना मार्केट कॉम्प्लेक्स

नगर निगम क्षेत्र के झिंझरी मोहल्ला स्थित कचरा डंप एरिया में मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना अधर में लटकी हुई है. रांची की कंसल्टेंट कंपनी समर्थ इंफ्रा को डिजाइन ड्रॉइंग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. नक्शा बनने के बाद आगे की प्रक्रिया पर पहल की जायेगी. झिंझरी मोहल्ला के समक्ष कचरा प्रोसेसिंग प्लांट को हटाकर मार्केट कॉम्प्लेक्स बनना है. इस मार्केट में ए, बी और सी तीन कैटेगरी में दुकान होगी. एक श्रेणी की दुकानों में बड़ी कंपनी या फिर मॉल खोलने वाली कंपनी को जगह दी जायेगी, बी श्रेणी में मध्यम व्यवसायियों और सी श्रेणी में खुदरा दुकानदारों को दुकान मिलेगी.

जाम से आम व खास परेशान, पैदल चलना भी मुश्किल

गिरिडीह शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या लाइलाज होती जा रही है. हर दिन जाम लगने के बाद भी इस ओर ना तो प्रशासनिक महकमा का कोई ठोस ध्यान है और ना ही जनप्रतिनिधियों का. जनता परेशान है और सिस्टम को कोस रही है. शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. अतिक्रमण से सड़कों की चौड़ाई कम हो जाती है. वहीं सड़कों के किनारे ठेला, खोमचा, सब्जी विक्रेताओं की वजह से भी दिक्कत होती है. शहरी क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. टावर चौक से लेकर कल्याणडीह तक फोरलेन का निर्माण होने के बाद भी अतिक्रमण की वजह से जाम लगती है. बड़ा चौक, कालीबाड़ी चौक, मौलाना आजाद चौक, मुस्लिम बाजार, पचंबा, बरगंडा चौक आदि स्थलों में अक्सर से लोग परेशान रहते हैं. जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है, जो शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.

शोभा की वस्तु बनकर रह गये दो वेंडिंग जोन

शहरी क्षेत्र में बने दो वेडिंग जोन शोभा की वस्तु बनकर रह गये हैं. इस दिशा में नगर निगम फुटपाथी दुकानदारों को यहां शिफ्ट कराने में विफल रही है. बता दें कि सात साल पहले 1.48 करोड़ की लागत से बस स्टैंड रोड फायर स्टेशन कार्यालय व बाभनटोली में वेंडिंग जोन बनाया गया. स्थान आवंटित की प्रक्रिया भी की गयी, लेकिन फुटपाथ दुकानदारों द्वारा दिलचस्पी नहीं लिये जाने के कारण दोनों वेंडिंग जोन वीरान हैं और नगर निगम हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है. आने वाले साल में वेंडिंग जोन में फुटपाथियों की शिफ्टिंग बड़ी चुनौती होगी.

(सूरज सिन्हा, गिरिडीह)B

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