Giridih news: पारसनाथ में रोकी गयीं कई ट्रेनें, कई के मार्ग बदले गये
Giridih news: रेल और जिला प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को समझाने के लिए कई बार वार्ता की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे. भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद ट्रैक खाली नहीं कराया जा सका.
कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को ले शनिवार को पारसनाथ स्टेशन पर रेल टेका आंदोलन का प्रभाव दिखा. यहां कई ट्रेनें रोकी गयीं, कई के मार्ग बदले गये.
रेलवे और जिला प्रशासन समझाने-बुझाने में लगा रहा
समाज के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सुबह करीब 5:50 बजे से रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. यह करीब नौ घंटे तक जारी रहा. आंदोलन में बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ महिलाएं, युवतियां, किशोर और बच्चे भी शामिल हुए. सभी लोग हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे. आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, पर ट्रैक जाम होने से इस रूट की कई ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया. रेल और जिला प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को समझाने के लिए कई बार वार्ता की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आंदोलनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे. भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद ट्रैक खाली नहीं कराया जा सका.
औद्योगिक इकाइयों में सर्वाधिक जमीन गयी कुड़मी समुदाय की
मौके पर पहुंचे डुमरी के विधायक जयराम कुमार महतो और बगोदर के विधायक नागेंद्र महतो करीब दो घंटे तक आंदोलन स्थल पर मौजूद रहे..विधायक जयराम महतो ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में हमारा समाज 12 आदिवासी समुदायों के साथ सीएनटी एक्ट के तहत संरक्षित था. बाद में साजिश के तहत हमें सूची से बाहर कर दिया गया. विधायक नागेंद्र महतो ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को इस मांग पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कुड़मी समाज की सबसे ज्यादा जमीन झारखंड की औद्योगिक इकाइयों जैसे टाटा, सीसीएल, बीसीसीएल के अधीन है. कांग्रेस शासनकाल में हमें एसटी सूची से हटाकर ओबीसी में डाला गया, पर सीएनटी एक्ट आज भी हम पर लागू है. स्पष्ट है कि ऐतिहासिक रूप से हम आदिवासी थे.
यात्रियों सुविधाओं के मद्देनजर रूट बदले गये
ट्रैक जाम रहने से पारसनाथ से गुजरनेवाली नौ पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का रूट डाइवर्ट किया गया. चार ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया. दिल्ली भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को चौधरी बांध में रोक दिया गया. करीब पांच घंटे के बाद यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कोडरमा ले जाया गया. आंदोलन से प्रभावित जम्मूतवी-सियालदह एक्सप्रेस को गया किऊल आसनसोल, अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस को गया किऊल आसनसोल, नयी दिल्ली हावड़ा पूर्वा एक्सप्रेस, वाराणसी-आसनसोल पैसेंजर को गया किऊल आसनसोल, हावड़ा- गया वंदे भारत को आसनसोल झाझा किऊल, झांसी पूरी एक्सप्रेस को कोडरमा महेशमुंडा आसनसोल, गया आसनसोल पैसेंजर को कोडरमा महेशमुंडा आसनसोल के रास्ते डाइवर्ट किया गया. आंदोलन के कारण नयी दिल्ली भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को चौधरीबांध, गाजीपुर कोलकाता शब्द भेदी को चौबे, झांसी पूरी को कोडरमा और धनबाद सासाराम इंटर सिटी को गोमो में रोक दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
