Giridih News: विकसित भारत-जी राम जी कानून को विलोपित करने की मांग को ले झामुमो का धरना

Giridih News: जिला झामुमो ने विकसित भारत-जी राम जी कानून कानून को विलोपित करने की मांग को लेकर टावर चौक के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया. इसकी अध्यक्षता झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने की.

By MAYANK TIWARI | December 27, 2025 10:08 PM

इस मौके पर धरना को संबोधित करते हुए झामुमो जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 पिछले दो दशकों से भारत में ग्रामीण आजीविका सुरक्षा की एक मजबूत नींव रहा है. इसने काम का कानूनी अधिकार दिया. कहा कि प्रस्तावित विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एडं आजीविका मिशन बिल 2025 इन सभी प्रावधानों को खत्म करता है और मनरेगा को रद्द करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि मनरेगा काम का एक सार्वभौमिक अधिकार स्थापित करता है, जबकि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एडं आजीविका मिशन में राज्य सरकारें केवल उन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों में काम देगी, जिन्हें केंद्र सरकार अधिसूचित करेगी. यदि किसी ग्रामीण क्षेत्र को केंद्र सरकार अधिसूचित नहीं करती तो वहां के लोगों को काम का कोई अधिकार नहीं होगा. इस तरह यह योजना केंद्र सरकार की इच्छा पर चलने वाली विवेकाधीन योजना बन जाती है. श्री सिंह ने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित गारंटी है. यानि किसी भी ग्रामीण मजदूर द्वारा काम मांगने पर 15 दिनों के भीतर काम देना अनिवार्य है. यदि ऐसा नहीं होता तो मजदूर को बेरोजगारी भत्ता पाने का अधिकार है. जबकि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एडं आजीविका मिशन बिल में केंद्र सरकार हर वित्तीय वर्ष के लिए राज्य वार मानक आवंटन तय करेगी. इस आवंटन से अधिक होने वाला कोई भी खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा पूरे साल रोजगार की गारंटी देता है. लेकिन नये बिल में पीक कृषि मौसम के दौरान 60 दिनों की ब्लैकआउट अवधि राज्य सरकारों द्वारा घोषित की जाएगी, जिसमें कोई भी काम नहीं कराया जाएगा. श्री सिंह ने कहा कि नये विधेयक में सामाजिक अंकेक्षण को बनाए रखा गया है, लेकिन इसे केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से लागू किया गया है. यह व्यवस्था मजदूरों के लिए व्यावहारिक नहीं होगी. उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि श्रम विरोधी, अकुशल ग्रामीण मजदूर विरोधी विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एडं आजीविका मिशन कानून को अविलंब विलोपित करने हुए केंद्र सरकार को निर्देशित किया जाय. मौके पर जिला सचिव महालाल सोरेन, अजीत कुमार पप्पू, पूर्व विधायक केदार हाजरा, राकेश कुमार रॉकी, सुमित कुमार, कृष्ण मुरारी शर्मा, चांद रशीद अंसारी, मुमताज आलम, अजीत कुमार सिन्हा, दिलीप मंडल, दिलीप रजक, रूपलाल महतो, नुनूराम किस्कू, अभय सिंह, राकेश रंजन, प्रमीला मेहरा, देवंती भारती, कासीम अंसारी, अंजली किस्कू, सलमान रिजवी, बढ़न वर्मा, इम्तियाज अंसारी, नूर अहमद अंसारी, उमाचरण दास, संजय कंधवे समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे. धरना के पश्चात राष्ट्रपति के नाम डीसी को एक ज्ञापन सौंपा गया.

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