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Giridih News :सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस सरिया में कार्यक्रम

Giridih News सरिया स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब में सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जन देव का शहीदी दिवस शुक्रवार को मनाया गया. इस अवसर पर ठंडे शर्बत और चने के प्रसाद की सेवा दी गयी. दोपहर को लंगर प्रसाद का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

By PRADEEP KUMAR | May 30, 2025 11:18 PM
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सरिया स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब में सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जन देव का शहीदी दिवस शुक्रवार को मनाया गया. इस अवसर पर ठंडे शर्बत और चने के प्रसाद की सेवा दी गयी. दोपहर को लंगर प्रसाद का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह के स्वर से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा. कमेटी के लोगों ने राहगीरों के बीच ठंडे शरबत व चना प्रसाद का वितरण किया. बताया जाता है कि गुरु श्री अर्जन देव सिखों के पांचवें गुरु थे. उनका जन्म 15 अप्रैल 1563 में हुआ था. वे गुरु रामदास और माता बीवी भानी के पुत्र थे. उनके पिता गुरु रामदास सिखों के चौथे गुरु थे. जबकि उनके नाना गुरु अमरदास सिखों के तीसरे गुरु थे. गुरु अर्जन देव जी ने सिख धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिग्रंथ साहिब की रचना की.

की थी अमृतसर शहर की स्थापना

उन्होंने अमृतसर शहर की स्थापना की और हरमंदिर साहिब का निर्माण भी करवाया. गुरु अर्जन देव जी की शहीदी दिवस सिख समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह दिन उनकी बलिदान और त्याग की भावना को याद करने का अवसर प्रदान करता है. इस दिन को छबील के रूप में मनाया जाता है जिसमें लोगों को ठंडे शर्बत और प्रसाद वितरित किए जाने का विधान है. बता दें गुरु अर्जन देव जी को मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर शहीद किया गया था. उन्हें अत्यधिक यातनाएं दी गयी और अंततः 30 मई 1606 को शहीद कर दिया गया.

मुगलों नें गुरु अर्जनदेव को दी थीं कठोर यातनाएं

उनकी शहीदी के पीछे का कारण यह था कि मुगल शासकों ने उन्हें एक राजनीतिक खतरा माना था और उनकी बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए उन्हें शहीद करने का फैसला किया गया था. अंतत: गुरु अर्जन देव जी को लाहौर में शहीद किया गया. उन्हें गर्म तवे पर बिठाकर गर्म लोहे की सलाखों से उनके शरीर को दागा गया. इसके बाद उन्हें गर्म रेत में लिटाया गया और गर्म पानी से नहलाया गया. इन यातनाओं के बावजूद गुरु अर्जन देव जी ने अपना धैर्य और साहस नहीं खोया और “तेरा भाणा मीठा लागे ” का उद्घोष करते रहे. अंत में उन्हें रावी नदी में डुबोकर शहीद कर दिया गया. कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनोहर सिंह बग्गा, राजेंद्र मखीजा, विशाल गंभीर, सोनू सोनी, विक्की आजमानी, सिमरन सिंह, दीपक सोनी, आकाश जुनेजा, सीटू सोनी, विक्की चावला, विक्की सोनी, सन्नी सलूजा, मन्नू चावला, आयुष सिंह, सैंकी सोनी, संजय सलूजा आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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