झारखंड में जंगली हाथियों का तांडव, गिरिडीह-गुमला में दो को उतारा मौत के घाट, इलाके में दहशत!

Jharkhand Elephant Attack: झारखंड के गिरिडीह और गुमला जिलों में जंगली हाथियों के हमले में दो लोगों की मौत हो गयी. वन विभाग ने परिजनों को तत्काल राहत दी है. इसके अलावा इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.

By Sameer Oraon | November 22, 2025 10:24 PM

Jharkhand Elephant Attack, रांची : झारखंड में जंगली हाथियों का आतंक एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है. गिरिडीह और गुमला जिलों में शुक्रवार को दो अलग-अलग घटनाओं में हाथियों के हमले से दो लोगों की मौत हो गयी. दोनों मामलों में वन विभाग ने तत्काल राहत के रूप में आर्थिक सहायता दी है, जबकि इलाके में सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं.

पहली घटना : बिशुनपुरा गांव में किसान पर हमला

पहली घटना गिरिडीह जिले के बिशुनपुरा गांव की है, जहां 61 वर्षीय किसान जागो महतो अपने खेत में धान की कटाई कर रहे थे. इस दौरान एक जंगली हाथी अचानक खेत में घुस आया और उन पर हमला कर दिया. जमुआ थाना प्रभारी दिलीप कुमार ने बताया कि यह घटना शुक्रवार को हुई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत माहौल है.

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दूसरी घटना : मोरगांव में 55 वर्षीय बुजुर्ग को हाथी ने कुचला

दूसरी घटना गुमला जिले के भरनो थाना क्षेत्र के मोरगांव में हुई. यहां 55 वर्षीय लालकूराम पर जंगली हाथी ने हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल हालत में उन्हें भरनो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. भरनो थाना प्रभारी कंचन प्रजापति ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच मामले की जांच की.

वन विभाग ने परिजनों को दी सहायता राशि

वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को 10,000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई है. शेष 3,90,000 रुपये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा। विभाग ने आश्वासन दिया है कि परिजनों को सरकारी प्रावधानों के अनुसार पूरा मुआवजा मिलेगा.

इलाके में 18 हाथियों का झुंड, प्रशासन अलर्ट

प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में 18 जंगली हाथियों का बड़ा झुंड संबंधित इलाके के आसपास घूम रहा है. स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक सुरक्षा के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSs) की धारा 163 लागू कर दी गई है. ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे रात में अकेले खेत या जंगल की ओर न जाएं और किसी भी गतिविधि की तुरंत सूचना वन विभाग को दें.

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