Jharkhand: राजस्थान से 1200 km साइकिल चलाकर पहुंचे झारखंड, साइकिलिंग व पर्यावरण संरक्षण का दे रहे संदेश

साइकिल यात्रा का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को साइकिलिंग से होने वाले फायदों के बारे में बताना है. इस दौरान ये पंपलेट का भी वितरण कर रहे हैं, ताकि लोग जागरूक हो सकें. तीन युवकों की टीम नमी वाले स्थानों में बीजों का भी छिड़काव कर रही है.

By Guru Swarup Mishra | September 26, 2022 8:50 PM

Jharkhand News : पर्यावरण संरक्षण और साइकिल चलाने के फायदे का संदेश देने तीन युवक राजस्थान के भरतपुर से साइकिल से निकले हैं. करीब 1200 किमी की यात्रा कर वे झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर पहुंचे. स्थानीय लोगों ने इनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर क्लब से ये साइकिलिस्ट 18 सितंबर को निकले हैं. सम्मेद शिखरजी का इन्होंनो दर्शन किया. इसके बाद इन्होंने देवघर बाबा बैद्यनाथ का भी दर्शन किया. इस क्रम में इन्होंने साइकिलिंग के कई फायदे गिनाए.

नमी वाले क्षेत्रों में कर रहे बीज का छिड़काव

साइकिल यात्रा का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को साइकिलिंग से होने वाले फायदों के बारे में बताना है. इस दौरान ये पंपलेट का भी वितरण कर रहे हैं, ताकि लोग जागरूक हो सकें. तीन युवकों की टीम नमी वाले स्थानों में बीजों का भी छिड़काव कर रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि नमी वाले स्थानों पर करंज, बेल, पापड़ी, शीशम एवं पीपल के बीज आसानी से विकसित हो जाते हैं. इसके लिए तीनों युवक 10 किलो करंज, बेल, पापड़ी, शीशम और पीपल के बीज लेकर निकले हैं.

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रोजाना चला रहे 200 किलोमीटर साइकिल

इस जत्थे में शामिल ग्रुप लीडर लोकेश अग्रवाल ने बताया कि इस सफर में जीवन जैन व दीपक अग्रवाल शामिल हैं. वे रोजाना 200 किलोमीटर साइकिल चला रहे हैं. 18 सितंबर को राजस्थान के भरतपुर से चलकर इटावा, कानपुर, औरंगाबाद होते हुए ये झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर पहुंचे. इसके बाद इन्होंने सम्मेद शिखरजी का दर्शन किया. स्वागत करने वालों में मारवाड़ी युवा मंच सरिया के सज्जन अग्रवाल, विजय अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल ,संदीप कुमार अग्रवाल, नितीश कुमार शामिल हैं. इस दौरान इन्होंने साइकिलिंग के सात फायदे बताए. कहा कि वॉकिंग के बाद साइकिलिंग को सबसे श्रेष्ठ एक्ससाइज माना गया है.

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साइकिल चलाने के फायदे गिनाए

राइडर जीवन जैन ने बताया कि साइकिल चलाना एरोबिक एक्सरसाइज है. मन की स्थिति में बदलाव लाकर मस्तिष्क में खून का प्रवाह सही करता है. हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रेना पर पड़ने वाले तनाव की प्रतिक्रिया को कम करता है. इससे तनाव, अवसाद या चिंता के लक्षण कम होते हैं. साइकिलिंग के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है. इससे हृदय व रक्त वाहिकाओं से संबंधी ( कार्डियोवैस्कुलर ) जोखिम कम होता है. वजन घटाने में मदद मिलती है. टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम हो जाता है. मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. कैंसर का जोखिम लगभग 50 फीसदी तक कम हो जाता है. मांसपेशियों का संकुचन, शक्ति और कार्य करने की क्षमता में सुधार होता है.

रिपोर्ट : कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह 

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