इवीएम-रजिस्टर के रिकाॅर्ड में गड़बड़ी पर भड़के ग्रामीण
पुलिस ने खदेड़ा, अफरा-तफरी में टूटा ग्रामीण का पैर बेंगाबाद : रजिस्टर व इवीएम में मतदान का रिकॉर्ड अलग-अलग होने, लाइन में लगे वोटरों को मतदान से वंचित रखने जैसे मामलों को ले ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. इससे भड़के पुलिस जवानों ने भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग किया और अफरा-तफरी में एक […]
पुलिस ने खदेड़ा, अफरा-तफरी में टूटा ग्रामीण का पैर
बेंगाबाद : रजिस्टर व इवीएम में मतदान का रिकॉर्ड अलग-अलग होने, लाइन में लगे वोटरों को मतदान से वंचित रखने जैसे मामलों को ले ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. इससे भड़के पुलिस जवानों ने भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग किया और अफरा-तफरी में एक व्यक्ति का पैर टूट गया.
मामला फिटकोरिया के बूथ संख्या 189 का है. ग्रामीणों का कहना था कि बूथ पर किये जा रहे रजिस्टर मेंटेन और इवीएम में पड़े मतदान की संख्या में काफी अंतर था. आरोप था कि लाईन में खड़े मतदाताओं के बाद भी पीठासीन पदाधिकारी ने समय और पोलिंग प्रतिशत का हवाला देकर मतदान करने से रोक दिया.
वहां मौजूद एजेंटों ने पीठासीन पदाधिकारी से लाइन में खडे मतदाताओं को मतदान करने की मांग कर रहे थे लेकिन पीठासीन पदाधिकारी इसके लिए तैयार नहीं थे. इसे लेकर हंगामा हो गया. इधर,हंगामा व भीड को खदेड़ने के लिये पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसके बाद इवीएम को सील कराया. इस दौरान वहां पर मची भगदड में मो नौशाद नामक एक व्यक्ति का एक पैर टूट गया. ग्रामीणों ने घायल को इलाज के लिए बेंगाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है.
सूचना मिलने पर झाविमो नेता लक्ष्मण स्वर्णकार, नुनूलाल मरांडी, महेश राम, युवा कांग्रेसी नेता हसनैन आलम, राजद नेता मो शहनवाज, सामाजिक कार्यकर्ता मो मुजफ्फर हुसैन आदि अस्पताल पहुंचे और घायल का हाल चाल जाना. नेताओं ने पुलिस पर मतदाताओं के उपर लाठी चार्ज करने की बात कहते हुए घटना की कड़ी निंदा की और जिला प्रशासन से उच्चस्तरीय जांच की मांग की. इधर, एसडीपीओ जीतवाहन उरांव ने कहा कि भीड को हटाने के लिए पुलिस प्रयास कर रही थी. इस दौरान भाग-दौड़ में किसी को चोट लगी होगी. उन्होंने लाठी चार्ज की बात से इंकार किया.