गढ़वा आवासीय विद्यालय में नाबालिग छात्रा के मां बनने का मामला : एएनएम ने सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया बच्चा, मुख्य आरोपी ने किया सरेंडर

गढ़वा : गढ़वा जिले के सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय की नाबालिग छात्रा के मां बनने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शनिवार को मुख्य आरोपी चंदन कुमार मेहता ने गढ़वा व्यवहार न्यायालय में सरेंडर किया. उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेज दिया गया. वहीं, गढ़वा सदर अस्पताल में पीड़िता की मेडिकल जांच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2019 7:35 AM
गढ़वा : गढ़वा जिले के सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय की नाबालिग छात्रा के मां बनने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शनिवार को मुख्य आरोपी चंदन कुमार मेहता ने गढ़वा व्यवहार न्यायालय में सरेंडर किया.
उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेज दिया गया. वहीं, गढ़वा सदर अस्पताल में पीड़िता की मेडिकल जांच करायी गयी और गढ़वा व्यवहार न्यायालय में उसका 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया. इन सबके बीच नाबालिग छात्रा का बच्चा रखनेवाली एएनएम निर्मला कुमारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी गढ़वा पहुंची और बच्चा चेयरमैन उपेंद्रनाथ दुबे को सौंप दिया. एएनएम ने शपथ पत्र भी सीडब्ल्यूसी को दिया है.
इसमें उसने कहा है कि यह बच्चा उसका नहीं, बल्कि सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्रा का है. उसने कहा कि प्रसव के बाद छात्रा से एक सादे कागज पर हस्ताक्षर करा कर वह बच्चा अपने साथ ले गयी थी. निर्मला कुमारी ने सीडब्लयूसी चेयरमैन से आग्रह किया कि वह इस बच्चे को प्रक्रिया के तहत गोद लेना चाहती है. बच्चा सौंपे जाने के बाद उसे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान मेदिनीनगर भेज दिया गया है. बताया गया कि प्रक्रिया पूरी होने तक करीब 15 दिनों तक वह वहीं रहेगा.
यह है मामला : मझिआंव थाना क्षेत्र स्थित सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय की आठवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने 27 जून को एक बच्चे को जन्म दिया था. इस मामले में अस्पताल व विद्यालय प्रबंध के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है. इसमें अस्पताल के चिकित्सक गोविंद सेठ, एएनएम निर्मला कुमारी, बच्चे का जैविक पिता चंदन कुमार मेहता, अस्पताल की पूर्व वार्डेन स्नेहलता कुमारी व विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बाबूलाल मेहता के नाम शामिल है.
प्रथम दृष्टया नौ लोग दोषी
आठवीं की छात्रा के मां बनने की घटना की जांच करने शुक्रवार को पहुंची शिक्षा विभाग की राज्यस्तरीय टीम ने स्कूल के नौ लोगों को प्रथमदृष्टया दोषी पाया है.
जांच दल ने स्कूल की पूर्व वार्डेन स्नेहलता सिंह, वर्तमान वार्डेन गौरी सिंह, शिक्षिका अपर्णा सुमन व शीतल सेलमा, शारीरिक शिक्षा शिक्षिका, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ गोविंद सेठ, सीएचसी की नर्स निर्मला कुमारी, विद्यालय की रसोइया तथा स्कूल के चौकीदार रामाशीष तिवारी (होम गार्ड जवान) को दोषी माना है. इस दौरान टीम ने कई छात्राओं से अलग-अलग पूछताछ भी की. छात्राओं ने कहा कि विद्यालय के संबंध में छप रही खबरों से सभी परेशान हैं. जांच दल ने चौकीदार को पूरी घटना का सूत्रधार मानते हुए होमगार्ड के समादेष्टा से कार्रवाई की अनुशंसा करने की बात कही है.

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