न काहू से दोस्ती, न काहू से वैर…

चुनाव प्रचार में गढ़वा और नगरऊंटारी दोनों ही जगह प्रत्याशी इस समय पूरा दम दिखा रहे हैं. आखिर अब जोर लगाने का अंतिम समय जो आ गया है. चाहे प्रचार का स्टाइल हो, नुक्कड़ सभा अथवा रोड शो, सबमें अपने को भारी पड़ते दिखना चाहते हैं. लेकिन मतदाता जो हैं, अभी तक तमाशबीन बने हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2018 10:08 AM

चुनाव प्रचार में गढ़वा और नगरऊंटारी दोनों ही जगह प्रत्याशी इस समय पूरा दम दिखा रहे हैं. आखिर अब जोर लगाने का अंतिम समय जो आ गया है. चाहे प्रचार का स्टाइल हो, नुक्कड़ सभा अथवा रोड शो, सबमें अपने को भारी पड़ते दिखना चाहते हैं. लेकिन मतदाता जो हैं, अभी तक तमाशबीन बने हुए हैं. जब मतदाताओं की भीड़ ही नहीं होगी, तो किसके भरोसे आखिर प्रत्याशी अपना दम दिखायेंगे. लेकिन यहां स्थिति है कि बहुत से मतदाता तो किसी के पक्ष में देखार नहीं होना चाहते. क्योंकि सभी से तो उसी तरह का संबंध और सरोकार है. फिर चार दिन के भोट-भाट के लिये वे क्यों किसी से देखार हों. इसलिए वे सबको वोट देने का आश्वासन देकर अपने को सभी के समक्ष अच्छा बनने का प्रयास कर रहे हैं. न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर वाले सिद्धांत पर चलने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन प्रत्याशी भी कम समझदार थोड़े न हैं. इसलिए वे वैसे प्रत्याशियों पर खास नजर रखने का प्रयास कर रहे हैं.