East Singhbhum News : ‘अबुआ हाथी’ एप से जान-माल होगा सुरक्षित
पूर्वी सिंहभूम जिले में चाकुलिया की पहचान अब जंगली हाथियों से होने लगी है.
चाकुलिया.
पूर्वी सिंहभूम जिले में चाकुलिया की पहचान अब जंगली हाथियों से होने लगी है. पश्चिम बंगाल और ओडिसा से सटा चाकुलिया क्षेत्र जंगली हाथियों का बसेरा बन चुका है. इससे किसानों, व्यवसायियों के साथ-साथ आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. वन विभाग का मानना है कि हाथियों को खदेड़कर निर्जन स्थान तक सीमित रखना संभव नहीं हो रहा है. हालांकि, हाथी-मानव द्वंद्व रोकने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है. चाकुलिया वन क्षेत्र में हाथियों पर नजर रखने के लिए अबुआ हाथी एप लॉन्च करने जा रहा है. इसकी शुरुआत अगले हफ्ते चाकुलिया में होगी. इसकी जानकारी डीएफओ सबा आलम अंसारी ने दी.हाथियों की 8-10 किमी परिधि में लोगों को मोबाइल पर मिलेगा मैसेज
डीएफओ ने बताया कि एप के माध्यम से हाथियों पर नजर रखेंगे. जिस स्थान पर हाथी मौजूद रहेंगे, वहां से 8-10 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोगों के मोबाइल पर मैसेज मिलना शुरू हो जायेगा. इससे लोग सतर्क होंगे. हाथियों से जान-माल की रक्षा हो सकेगी.
हाथियों से नुकसान का मुआवजा के लिए एप पर कर सकेंगे आवेदन
हाथियों से नुकसान पहुंचने पर मुआवजा के लिए आवेदन भी इस एप के माध्यम से हो सकेगा. इसमें समय-समय पर आवेदन का स्टेटस का पता चल सकेगा. इस एप से अंचल अधिकारी को भी जोड़ दिया जायेगा. इससे आवेदन की प्रक्रिया सरल होगी. मुआवजा मिलने में देर नहीं होगी.टाटा मोटर्स व आरण्यक संस्था के साथ काम करेगा विभाग
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि टाटा मोटर्स व आरण्यक संस्था के साथ मिलकर वन विभाग काम करना शुरू करेगा. अबुआ हाथी एप की शुरुआत के साथ-साथ सितंबर महीने में कई अन्य योजनाएं धरातल पर लायी जायेंगी. इनमें प्रबाकसम, सोलर हैंगिंग फैंस व एआइ कैमरा लगाने की योजना शामिल है. आरण्यक संस्था की ओर से गांव वालों को प्रशिक्षित किया जायेगा.
टाटा मोटर्स ने क्विक रिस्पांस वाहन व टॉर्च सौंपा, डीएफओ ने हरी झंडी दिखायी
टाटा मोटर्स ने चाकुलिया वन विभाग को क्विक रिस्पांस वाहन उपलब्ध करवाया है. इसकी लागत लगभग 12 लाख रुपये बतायी जा रही है. क्विक रिस्पांस वाहन के साथ हाथी प्रभावित क्षेत्र में वितरण के लिए 50 टॉर्च भी टाटा मोटर्स ने दिये हैं. डीएफओ सबा आलम अंसारी व रेंजर दिग्विजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर वाहन को रवाना किया. पदाधिकारियों ने कहा कि अब हाथियों के गांव घुसने पर क्विक रिस्पांस टीम के पहुंचने में देर नहीं होगी. पहले विभाग के पास दो वाहन मौजूद थे. अब एक नया वाहन आ जाने से टीम को काम करने में आसानी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
