East Singhbhum News : प्रखंड के 11 स्कूल शिक्षकविहीन, 30 विद्यालयों में एक-एक टीचर

पढ़ाई के साथ शिक्षकों पर एमडीएम व अन्य काम का भी बोझ

By ATUL PATHAK | December 16, 2025 11:46 PM

बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड में सरकारी शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. प्रखंड के 11 विद्यालय शिक्षक विहीन हैं. वहीं, 30 से अधिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. दरअसल, विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से ऐसा संकट है. पिछली बार नियुक्ति हुई थी, तो आस जगी थी कि शिक्षकों की कमी की समस्या दूर हो जायेगी. हालांकि, प्रखंड के लोगों को निराशा हाथ लगी. स्कूलों में शिक्षकों की कमी का सीधा प्रभाव पठन-पाठन पर पड़ रहा है. पदस्थापित शिक्षक विद्यार्थियों को सुबह 9 से 3 बजे तक किसी तरह बैठाकर रखने में जुटे हैं. ज्ञात हो कि बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा की उपेक्षा लंबे अरसे से हो रहा है. बीते 28 नवंबर को मुख्यमंत्री ने 7000 से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया. जिला स्थापना समिति नव नियुक्त शिक्षकों को विद्यालय आवंटन का कार्य लंबित है. जिला पदस्थापन समिति के निर्णय पर क्षेत्र के अभिभावकों की नजर टिकी है.

प्रतिनियुक्त शिक्षक के भरोसे 11 स्कूल:

प्रखंड के पीएस चिंगड़ा, कोषताड़ुआ, लालसाई, बांकदोह, दरखुली, बेनासली, रघुनाथपुर, छनबाढ़िया, एमएस कुमारडुबी, एनपीएस डुमरिया, धरमपुर शिक्षक विहीन हैं. इन स्कूलों में एक-एक शिक्षक प्रतिनियुक्ति किये गये हैं. वे स्कूली कार्य के साथ विद्यार्थियों का पठन-पाठन कर रहे हैं. शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी स्कूलों में दिन-प्रतिदिन घट रहे बच्चे:

प्रखंड में 30 ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर एक-एक शिक्षक पदस्थापित हैं. स्कूली कार्य से लेकर मिड डे मील तक शिक्षक की देखरेख में हो रहा है. ऐसी स्थिति में कैसे पठन-पाठन होगा. अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उमवि गोधनबनी, रांगामटिया, पीएस तिलो, खुदपुटली, पानीपाड़ा, कानीमोहली, आसनबनी हिंदी, मांगड़ोसोल, जगन्नाथपुर, पाथरघाटा, उमवि लोधनबनी समेत 30 स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं.

382 शिक्षक के भरोसे 14563 बच्चों का भविष्य

बहरागोड़ा प्रखंड के 169 विद्यालयों में 382 शिक्षक हैं, जबकि विद्यार्थियों की संख्या 14563 है. शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों में भी बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है. ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा, अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

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