डुमरिया : अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाये, लेकिन स्कूल के लिए दान दी पुश्तैनी जमीन

परवेज/शिवशंकर डुमरिया : पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर सुविधा विहीन बाकुलचंदा गांव निवासी शत्रुघ्न सरदार ने अपनी पुश्तैनी जमीन गांव के स्कूल को दान कर दी है. खुद गुरबत में अपनी जिंदगी जी रहे हैं. पैसे के अभाव में अपने बच्चों की भी शिक्षा पूरी नहीं करा सके, पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 5:57 AM

परवेज/शिवशंकर

डुमरिया : पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर सुविधा विहीन बाकुलचंदा गांव निवासी शत्रुघ्न सरदार ने अपनी पुश्तैनी जमीन गांव के स्कूल को दान कर दी है. खुद गुरबत में अपनी जिंदगी जी रहे हैं. पैसे के अभाव में अपने बच्चों की भी शिक्षा पूरी नहीं करा सके, पर गांव के बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए उन्होंने जमीन दान दी है.

शत्रुघ्न पहले गांव के ही स्कूल में मानदेय पर शिक्षक रह चुके हैं. आजीविका नहीं चल पाने के कारण वर्षों पूर्व स्कूल छोड़ कर दर्जी का व्यवसाय अपना लिया. बावजूद शिक्षा के प्रति उनका दायित्व आज भी कमजोर नहीं पड़ा है.

गांव में वर्ष 1992 में स्थापित सरस्वती शिशु मंदिर का अपना भवन नहीं है. सामुदायिक भवन में स्कूल चल रहा है. बच्चों की हो रही परेशानी को देखते हुए शत्रुघ्न ने स्कूल भवन के लिए अपनी 0.21 एकड़ जमीन वर्ष 2007-08 में दान कर दी. उस पर ग्रामीणों के सहयोग से भवन का निर्माण भी शुरू कराया, लेकिन पैसे के अभाव में भवन का काम छत ढलाई के स्तर तक पहुंच कर ठप है.

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