सोलर जलमीनार एक साल से खराब, बगल से गुजरी पाइपलाइन से भी नहीं मिला कनेक्शन

बिलकांदी पंचायत के पहाड़िया बहुल गांव चकइंद्रप्रसाद में आयोजित प्रभात खबर महिला संवाद में ग्रामीण महिलाओं ने खुले मंच से अपनी समस्याएं रखीं.

By RAKESH KUMAR | October 24, 2025 11:26 PM

रानीश्वर. बिलकांदी पंचायत के पहाड़िया बहुल गांव चकइंद्रप्रसाद में आयोजित प्रभात खबर महिला संवाद में ग्रामीण महिलाओं ने खुले मंच से अपनी समस्याएं रखीं. गांव की महिलाओं ने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही और योजनाओं के आधे-अधूरे क्रियान्वयन के कारण वे आज भी शुद्ध पेयजल से वंचित हैं. महिलाओं ने बताया कि गोविंदपुर ग्राम समूह ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना की पाइपलाइन शिलाजुड़ी गांव तक पहुंचायी गयी है, जबकि चकइंद्रप्रसाद गांव उससे मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर है. फिर भी गांव को योजना से जोड़ने की जरूरत नहीं समझी गयी. गांव में कल्याण विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व सोलर संचालित जलमीनार का निर्माण कर घर-घर नल का कनेक्शन दिया गया था. पर कुछ महीनों के बाद जलमीनार खराब हो गयी. अब एक वर्ष से अधिक समय से बंद पड़ी है. ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद उसकी मरम्मत नहीं करायी गयी. वर्तमान में गांव के स्कूल परिसर स्थित एकमात्र चापानल ही चालू है, जिससे पीने के पानी की पूर्ति की जाती है. स्नान या कपड़ा धोने के लिए ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर फटीक नदी जाना पड़ता है. गांव का दूसरा चापानल भी लंबे समय से खराब पड़ा है. क्या कहतीं हैं गांव की महिलाएं गांव आदिम जनजाति बहुल है, पर सुविधाएं नहीं है. कल्याण विभाग से बनी सोलर जलमीनार एक वर्ष से खराब पड़ी है. मरम्मत के लिए कई बार आवेदन देने के बावजूद कुछ नहीं हुआ. जलमीनार ठीक कर दिया जाए तो हम सभी ग्रामीणों को बहुत राहत मिलेगी. लतिका पहाड़िया शिलाजुड़ी की ओर पेयजलापूर्ति योजना की पाइपलाइन गुजरी है. पर हमें उसमें जोड़ा नहीं गया. यह बहुत अन्याय है. पाइपलाइन को गांव से भी जोड़ा जाए तो हम सभी को शुद्ध पेयजल का लाभ मिल सकेगा. सरकार को इस पर तुरंत पहल करनी चाहिए. मोना पहाड़िया पानी की समस्या से सबसे ज्यादा महिलाएं जूझती हैं. रोज स्कूल के चापानल से घड़ा या बाल्टी में पानी लाना कठिन काम है. कई बार लंबी कतार लगानी पड़ती है. अगर गांव में दो-तीन चापानल और लगा दिया जाये तो हम सबको बड़ी राहत मिलेगी. सेफाली पहाड़िया हमारे घरों में लगे नल अब शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. जलमीनार बंद होने से उनमें पानी नहीं आता. अगर विभाग जलमीनार की मरम्मत कर दे, तो पूरे गांव को एक साथ शुद्ध पानी मिल सकेगा. आनेवाले दिनों में समस्या और गंभीर हो जायेगी. रेखा पहाड़िया फटीक नदी तक एक किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है. वहां से कपड़ा धोना और स्नान करना पड़ता है. गांव में कोई उपयोगी तालाब नहीं है, जो छोटा तालाब था. वह भी अब सूख चुका है. नया तालाब खुदवाया जाए, तो यह बड़ी राहत होगी. सुलता पहाड़िया हम चाहते हैं कि पंचायत के स्तर पर पहल हो. गांव का एक चापानल खराब है, अगर मुखिया चाहें तो उसकी मरम्मत कराकर पानी की व्यवस्था करवा सकते हैं. दो-तीन और चापानल लग जाये तो पीने और नहाने दोनों के लिए पानी की कमी नहीं रहेगी. रूपा पहाड़िया गरमी के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है. कई बार शिलाजुड़ी गांव से पानी लाना पड़ता है. हम महिलाएं सिर पर घड़ा रखकर एक किलोमीटर चलती हैं. इस समस्या को देखते हुए विभाग और जनप्रतिनिधियों दोनों को कदम उठाना चाहिए. मीठु पहाड़िया गांव में जल संकट गंभीर रूप ले चुका है. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है, क्योंकि हम ही पानी लाने का काम करती हैं. हम चाहते हैं कि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप कर सोलर जलमीनार को चालू कराये. गांव में पर्याप्त चापानल की व्यवस्था करे. अंजना पहाड़िया

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