330 से अधिक कूप बन गये, पर सामग्री मद में 3.54 करोड़ का भुगतान लंबित
प्रखंड की 25 पंचायतों में तीन वित्तीय वर्ष के दौरान 880 सिंचाई कूप की मिली थी स्वीकृति
सरैयाहाट. सरैयाहाट प्रखंड की 25 पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 व 2024-25 में कुल 880 सिंचाई कुएं के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. इनमें से 310 कुएं पूर्ण रूप से तैयार हो चुके हैं. शेष कुएं की खुदाई कार्य मंथर गति से चल रहा है और लाभुक ईंट जोड़ाई का कार्य कर रहे हैं. हालांकि, सरकार की उदासीनता के कारण इन सिंचाई कुओं के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. अधिकांश सिंचाई कूप बनकर तैयार हो चुके हैं, फिर भी लाभुकों को सामग्री मद का भुगतान नहीं मिला है. मनरेगा में सिंचाई कूप की योजना एक सफल और लाभकारी योजना है. कुएं का सही तरीके से निर्माण होने से किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसके बावजूद, मनरेगा में नियत समय पर भुगतान सहित कई अधिकारों का व्यापक स्तर पर उल्लंघन हो रहा है. कई लाभुकों ने बरसात के मौसम में कुएं धंसने का डर होने के बावजूद, उधार और महाजन से कर्ज लेकर निर्माण कार्य पूरा किया है. ऐसे किसानों ने सरकार से समय पर सामग्री मद का भुगतान करने की मांग की है, ताकि उनकी मेहनत का उचित मूल्य उन्हें मिल सके. क्या कहते हैं लाभुक मनरेगा योजना के तहत कुआं मिला था. कूप की खुदाई सहित अन्य कार्य को पूर्ण कर लिया गया है. लेकिन अभी तक सामग्री मद का भुगतान नहीं हुआ है. बरसात में कूप धंसने के डर से महाजन से उधार लेकर कार्य को पूरा किया गया. सुशील कुमार मनरेगा योजना के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति मिली थी. स्वीकृति प्राप्त होने के बाद मजदूरी मद में राशि का भुगतान मिला, लेकिन निर्माण सामग्री मद में अब तक राशि का भुगतान नहीं हो सका है. इससे काफी परेशान हैं. पवन मंडल सिचाई कूप का निर्माण कार्य पूर्ण करने में निर्माण सामग्री आपूर्तिकर्ता से सीमेंट, ईंट व बालू पत्थर की आपूर्ति की गयी है. राशि भुगतान नहीं होने से आपूर्तिकर्ता प्रतिदिन निर्माण सामग्री राशि की मांग कर रहा है. जल्द भुगतान हो. बीरेंद्र कुमार विभागीय निर्देश के अनुरूप आपूर्तिकर्ता से निर्माण सामग्री उधार प्राप्त कर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है लेकिन निर्माण सामग्री के लंबित राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है. ऐसी नीति से ही कई बार लाभुकों को परेशानी ज्यादा होती है और सरकारी योजना से लोगों का मोहभंग होने लगता है. दुर्योधन यादव कोट मैटेरियल मद में कुल तीन करोड़ 54 लाख पेंडिंग है. भुगतान की प्रक्रिया एसएनए प्रक्रिया से किया जाना है. इस कारण भुगतान में विलंब हो रहा है. काफी दिनों से भुगतान नहीं हो रहा है. कन्हैयालाल झा, बीपीओ
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