ई-विद्यावाहिनी पर उपस्थिति नहीं बना रहे 14 % शिक्षक

दुमका जिले के 2327 में से महज 1183 स्कूल ही छात्रों की उपस्थिति कर रहे दर्ज. उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि सबसे कम उपस्थिति वाले शिक्षकों को डीइओ-डीएसई चिह्नित कर शो-कॉज करें.

By RAKESH KUMAR | March 22, 2025 11:58 PM

दुमका. दुमका जिले के शिक्षा विभाग की समीक्षा में पाया गया है कि 14 प्रतिशत शिक्षक ऐसे हैं, जो ई-विद्या वाहिनी पर उपस्थिति नहीं बना रहे हैं. वहीं बच्चों की उपस्थिति बनाने की दर और खराब है. मात्र 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति बन रही है. 2327 में से महज 1183 स्कूल के ही छात्रों की उपस्थिति विद्या वाहिनी में अपलोड की जा रही है. इसी तरह जिले में 88 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है, किंतु अभी तक 50 प्रतिशत बच्चों का ही अपार आईडी बन पाया है. इन सब मामलों पर उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार एवं जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार हेंब्रम को सबसे कम उपस्थिति वाले शिक्षकों को चिह्नित करने, उन्हें स्पष्टीकरण करने और दोषी पाए जाने पर निलंबित करने का निदेश दिया. इसी तरह अपार आईडी में सबसे कम उपलब्धि वाले विद्यालय के शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए कहा. कहा कि बार-बार निर्देश देने के बाद भी जो निजी विद्यालय कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं, उनपर अब सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को इसकी सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना में एसएमएस नहीं करने वाले विद्यालय को चिह्नित करने और उसके प्रधान अध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. बैठक में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवेश कुमार सिन्हा, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम सुंदर मोदक, अमर प्रकाश टूटी, रंजन दा एवं सहायक अभियंता क्रिस्टोफर टुडू सहित सभी कनीय अभियंता उपस्थित थे. उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षकों की संख्या डेढ़ हजार से अधिक : जिले में ई-विद्यावाहिनी पर उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षकों की संख्या डेढ़ हजार से अधिक है. उपायुक्त ने 19 मार्च की उपस्थिति विवरणी की जब समीक्षा की, तो पाया कि रामगढ़ के बाद सबसे अधिक दुमका प्रखंड के ही शिक्षक उपस्थिति नहीं बनाते. यहां तक कि दुर्गम क्षेत्र माना जानेवाले गोपीकांदर प्रखंड भी इस मामले में दुमका-रामगढ़ जैसे प्रखंड की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. रानीश्वर में सबसे अधिक 91 प्रतिशत शिक्षकों की ई-विद्यावाहिनी में उपस्थिति दर्ज थी, जबकि मसलिया में 88 प्रतिशत, जामा, काठीकुंड व रामगढ़ में 87 प्रतिशत, गोपीकांदर व जरमुंडी में 86 प्रतिशत शिक्षक उपस्थिति बना रहे हैं.

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