खेतों में पानी जमने के कारण धान को नुकसान
हवा और बारिश के कारण धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है, जबकि कई किसानों की तैयार फसल, जिसे काटकर खेतों में सुखाने के लिए छोड़ा गया था, पूरी तरह नष्ट हो गयी. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
मोंथा के सात दिनों बाद धूप खिलने से किसानों को मिली राहत प्रतिनिधि, रामगढ़ धूप निकलने के साथ ही सोमवार को लोगों को चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से थोड़ी राहत मिली. लगभग एक सप्ताह बाद धूप निकलने पर लोगों ने राहत की सांस ली. इस वर्ष अच्छी बारिश से धान की अच्छी पैदावार की उम्मीद लगाये किसानों की उम्मीदें चक्रवात मोंथा के कारण हुई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से टूट गयी. हवा और बारिश के कारण धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है, जबकि कई किसानों की तैयार फसल, जिसे काटकर खेतों में सुखाने के लिए छोड़ा गया था, पूरी तरह नष्ट हो गयी. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. भातुड़िया बी, भालसुमर, गंगवारा, सिलठा, पहाड़पुर, कांजो, लतबेरवा, बौडिया, डांडो, बंदरजोरा, ठाडीहाट, कारूडीह जैसे पंचायतों में फसलें बर्बाद हो गयी हैं. किसानों ने प्रशासन से नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा देने की मांग की है. खेतों में पानी जमने से धान में अंकुर गया है. पुआल तक सड़ गया है, जिससे पशुओं के चारे की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है.
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