बासुकिनाथ में 35 हजार भक्तों ने की बाबा की पूजा-अर्चना 35 हजार भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ की बिशेष पूजा अर्चना किया
लोक संस्कृति व प्रकृति से जुड़े पर्व नवान्न पर सोमवार को बासुकिनाथ मंदिर प्रबंधन व पंडा पुरोहित समाज के सदस्यों ने भोलेनाथ को दही, चूड़ा, गुड़, मूली, घंघरा, केला का भोग लगाया.
फौजदारीनाथ को लगा दही-चूड़ा का भोग, आहूति देकर मनाया गया नवान्न पर्व प्रतिनिधि, बासुकिनाथ लोक संस्कृति का पर्व नवान्न बासुकिनाथ क्षेत्र में रविवार को धूमधाम से मनाया गया. करीब 35 हजार भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ का विधिवत पूजा-अर्चना की. मंदिर के पंडा-पुरोहित समाज के सदस्य की उपस्थिति में गर्भगृह में बाबा फौजदारीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गयी. लोक संस्कृति व प्रकृति से जुड़े पर्व नवान्न पर सोमवार को बासुकिनाथ मंदिर प्रबंधन व पंडा पुरोहित समाज के सदस्यों ने भोलेनाथ को दही, चूड़ा, गुड़, मूली, घंघरा, केला का भोग लगाया. मंदिर पुजारी प्रेमशंकर झा, मनीष झा एवं मंदिर विदकरी की अगुवाइ में पूजन कार्यक्रम आयोजित हुआ. पुरोहित ने विधिवत पूजनोपरांत भोलेनाथ को भोग लगाने के बाद बाबा मंदिर व पार्वती मंदिर के सामने अग्निकुंड (अग्निहार) स्थापित करवा के उसमें नूतन फसल धान, चूड़ा, अरवा चावल, दही, हरी सब्जी, मटर, घंघरा समेत अन्य चीजों से निर्मित सांकल का भोग अग्निकुंड में समर्पित किया. इसके अलावा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भी श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में अग्निहार में हवन कर लेने के बाद नये अन्न का भोग लगाकर नूतन फसल का प्रयोग प्रारंभ कर दिया. वहीं वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बासुकिनाथ, जरमुंडी, जामा, हंसडीहा, रामगढ़, सरैयाहाट, दुमका, सहारा, तालझारी, हरिपुर, नोनीहाट, रायकिनारी सहित आसपास के सैकड़ों गांव में भी नेम निष्ठा व परंपरा के साथ नवान्न पर्व मनाया गया. मंदिर के पंडित सुधाकर झा ने बताया कि नवान्न के दिन भोलेनाथ को नूतन फसल धान, चूड़ा, अरवा चावल, दही, हरी सब्जी, मटर, घंघरा समेत अन्य फसल अर्पित किया गया. भक्तों ने पुलिस व्यवस्था के तहत गर्भगृह में प्रवेश कर जलाभिषेक किया. मौके पर मंदिर गार्ड कपिलदेव पंडा सहित मंदिर के पंडा पुरोहित व श्रद्धालु मौजूद थे. —
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