Dhanbad News : फिजा में गूंजी ””या हसन, या हुसैन”” की सदाएं

पैक इमामबाड़ा, करबला में धूम कर या अली या हुसैन के नारे लगा रहे हैं.

By NARENDRA KUMAR SINGH | July 5, 2025 12:43 AM

शुक्रवार को मुहर्रम की आठवीं तारीख को इमामबाड़ा में छोटी ताजिया बैठायी गयी. खादिम ने फातिहा कराया. या अली या हसन, या हुसैन की सदा से फिंजा गूंज उठी. पैक इमामबाड़ा, करबला में धूम कर या अली या हुसैन के नारे लगा रहे हैं. सातवीं के दिन ही पैक बांधा गया था. मन्नत पूरी होने पर बंदे पैक बनकर अल्लाह की इबादत करते हैं. पैक बनने के बाद वे करबला में ही रहते हैं. 10वीं के दिन घर लौटते हैं. शनिवार को नौंवी व रविवार को मुहर्रम की 10वीं तारीख है. इस दिन बंदे रोजा रखकर अल्लाह ताला की इबादत करेंगे. रमजान की तरह नियम से सेहरी व इफ्तार किया जायेगा. शहर में 18 जगहों से ताजिया निकालने की तैयारी की गयी है. नौवीं तारीख को करबला वेलफेयर सोसायटी द्वारा करबला रोड बैंकमोड़ में जलसा कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इसमें जिक्र शहादत-ए-इमाम-ए-हुसैन होगा. गिरिडीह, डिगवाडीह केंदुआ के मौलाना द्वारा कार्यक्रम में शिरकत की जायेगी. नौवीं को मुहल्ले में अखाड़ा खेलने के बाद मध्य रात्रि में अखाड़ा दल पुराना बाजार पहुंचेंगे. यहां आखाड़ा खेलने के बाद सभी अपने गंतव्य को लौट जायेंगे. 10वीं के दिन पुराना बाजार सभी अखाड़ा दल ताजिया के साथ पहुंचेंगे. यहां अखाड़ा के बाद सभी जुलूस की शक्ल में करबला रोड पहुंचकर ताजिया को दफन करेंगे. मुहर्रम में इमाम हसन और इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मातमी जुलूस निकालने की परंपरा है. टिकियापाड़ा, दरी मुहल्ला, वासेपुर भूली, शमशेर नगर, रहमतगंज, आजाद नगर पांडरपाला आदि जगह से ताजिया निकालने की तैयारी की जा रही है.

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