धनबाद : ‘मैं जिंदा हूं साहब… आखिर कितनी बार कहूं’, पेंशन के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग

धनबाद जिले के कसमार के एक बुजुर्ग अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है. सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी है. उसे मृत घोषित किसने किया, इसका जबाव विभाग में किसी के पास नहीं है.

By Prabhat Khabar | May 27, 2023 8:48 AM

कसमार (धनबाद), दीपक सवाल : सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित 70 वर्षीय खेदन घांसी तो पहले पेंशन से वंचित कर दिये गये, अब उनके सामने खुद को जीवित साबित करने की चुनौती है. दफ्तर-दफ्तर चक्कर लगा कर थक चुके कसमार प्रखंड के बगदा गांव के वयोवृद्ध खेदन कहते हैं कि अब कितनी बार और कहां-कहां कहूं कि साहब मैं जिंदा हूं. सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते हुए हर बार दुहराना पड़ रहा है. सबसे बड़ी परेशानी यह है कि मृत घोषित हो जाने के कारण उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गयी है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ हो गयी है.

बीडीओ की पहल भी कारगर नहीं

मामले से अवगत होने के बाद कसमार बीडीओ विजय कुमार ने छानबीन की. सरकारी रिकार्ड में खेदन घांसी के मृत घोषित होने का पता चलने पर बीडीओ ने 20 अप्रैल 2023 को सामाजिक सुरक्षा, बोकारो के सहायक निदेशक को पत्र लिखा. उसमें बताया गया कि बगदा के पंचायत सचिव द्वारा भूलवश जीवित पेंशनधारी को भौतिक सत्यापन में मृत घोषित कर दिया गया था. फलत: उनकी पेंशन रुक गयी है. बीडीओ ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान भौतिक सत्यापन में खेदन घांसी को जीवित पाया गया है. इस आधार पर उन्होंने सितंबर 2022 से उनको पेंशन भुगतान का आग्रह किया, पर बीडीओ के पत्र के एक महीना से अधिक बीत जाने के बाद भी उनकी पेंशन चालू नहीं हो पायी है.

सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा साबित होने की जद्दोजहद

खेदन घांसी (पिता-छुटू साव) को कई वर्षों से नियमित रूप से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी. इसी से इनके जीवन की गाड़ी चल रही थी. अचानक सितंबर 2022 से पेंशन मिलनी बंद हो गयी. खेदन गांव के गोड़ाइत हैं. पेंशन इनके जीवनयापन का एक बड़ा सहारा था. अचानक पेंशन रुक जाने से वह परेशान हो गये. वजह जानने के लिए संबंधित कार्यालयों और कर्मियों के पास दौड़ लगानी शुरू कर दी. काफी पूछताछ और भागदौड़ के बाद वह तब परेशान हो गये, जब उन्हें पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. अब खुद को जीवित साबित करने के लिए वह भागदौड़ कर रहे हैं.

प्रखंड के कर्मियों की लापरवाही के चलते बगदा पंचायत में खेदन घांसी जैसे कई वृद्ध पेंशनभोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेदन घांसी जैसे एक बेबस वृद्ध को मृत घोषित कर उनकी पेंशन को रोक देने का यह मामला गंभीर है. इसके दोषी कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. खेदन घांसी की पेंशन जल्द चालू नहीं हुई, तो मामला डीसी तक लेकर जायेंगे.

-मौ भट्टाचार्य, पंसस, बगदा

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