झारखंड के बंदियों को अब सप्ताह में 3 दिन मिलेगा नॉन-वेज, धनबाद में बोले कारा महानिरीक्षक

Jharkhand Prisoners: झारखंड के जेलों में बंद कैदियों को अब सप्ताह में 3 दिन मांसाहारी भोजन (नॉन-वेज) मिलेगा. कारा महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल ने ये बातें धनबाद में कहीं. वह हजारीबाग जेल में बंद एक एचआइवी पॉजिटिव बंदी को देखने के बाद धनबाद पहुंचे थे.

By Mithilesh Jha | September 19, 2025 7:40 AM

Jharkhand Prisioners: हजारीबाग केंद्रीय कारा में बंद धनबाद मंडल कारा के एक एचआइवी पॉजिटिव बंदी मामले में जानकारी लेने आइजी प्रिजन सुदर्शन मंडल बुधवार को धनबाद पहुंचे. मंडल कारा पहुंचने के बाद एचआइवी पॉजिटिव बंदी की पूरी जानकारी ली. पूछा कि जेल में आने के बाद वह पॉजिटिव पाया गया है या पूर्व से एचआइवी पॉजिटिव था. सनद हो कि झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. कई अधिकारियों को हाइकोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. पीड़ित बंदी पर तोपांची थाना में गैर इदातन हत्या का एक मामला दर्ज है.

समय-समय पर बंदियों की होगी स्वास्थ्य जांच

निरीक्षण के बाद आइजी प्रिजन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि झारखंड की विभिन्न जेलों में बंदियों को दी जाने वाली डाइट चार्ट में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है. अब प्रत्येक सप्ताह तीन दिन बंदियों को नॉन वेज आहार दिया जायेगा. आइजी ने बताया कि नया जेल मैनुअल 2025 लागू कर दिया गया है, जो कैदियों के मानवाधिकार, कानूनी प्रतिनिधित्व, जेलों में बेहतर व्यवस्था और स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित है. इसके तहत कैदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने के भी निर्देश जारी किये गये हैं. उन्होंने बताया कि अब बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जायेगी. इसके लिए जेल के डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है और वह एक निश्चित समय अवधि के अंदर सभी बंदियों का स्वास्थ्य जांच करेंगे.

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Jharkhand Prisioners: जेल शिफ्टिंग के लिए नहीं मिली जमीन

आइजी ने बताया कि धनबाद जेल को नये स्थान पर शिफ्ट करने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी जमीन नहीं मिली है. जमीन मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. वहीं उन्होंने बताया कि जेल में लगे जैमर को टू जी से फाइव जी में कंवर्ट करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एजेंसी का चयन किया जायेगा. उन्होंने जेल परिसर, कैदियों के वार्ड, रसोईघर, अस्पताल और सुरक्षा व्यवस्थाओं की गहन जांच की. उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हो. इसके साथ ही, अस्पताल में उपलब्ध दवाओं और चिकित्सकीय सुविधाओं की समीक्षा की गयी.

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