Dhanbad News: बीसीसीएल ने पावर प्लांटों को भेजा चेतावनी पत्र
बीसीसीएल ने कोयला उठाव पर विभिन्न पावर प्लांटों द्वारा अचानक लगाये जा रहे प्रतिबंधों पर चिंता जताते हुए सभी संबद्ध कंपनियों, एनटीपीसी, डीवीसी, डीपीएल, यूपीआरवीयूएनएल, एचपीजीसीएल, सीइएससी, जेपीएल, एमपीएल, एनपीएल एवं पीएसइबी को कड़े शब्दों में पत्र जारी किया है.
बीसीसीएल ने कहा है कि इन संयंत्रों द्वारा कम रैक लोडिंग प्रोग्राम दायर करने और कोयला उठाव सीमित करने से उत्पादन और डिस्पैच की योजना गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है. बीसीसीएल के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्पादन व डिस्पैच योजना पावर हाउसों की कोयला आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार की गयी है. इसके तहत भूमि अधिग्रहण, उत्पादन और परिवहन कार्यों के लिए दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन अनुबंध किये जा चुके हैं. कंपनी में करीब पांच मिलियन टन कोयला स्टॉक में है और कंपनी प्रतिदिन 1.5 लाख टन से अधिक उत्पादन करने की क्षमता रखती है. ऐसे में उपभोक्ताओं द्वारा लगाये जा रहे प्रतिबंधों के कारण उत्पादन रोकना या पहले से किये अनुबंधों को स्थगित करना संभव नहीं है. ऐसे में सभी प्लांट सहयोग करें और कोयला उठाव सामान्य करें.
अक्टूबर से कम हुई कोयले की मांग
बीसीसीएल के जीएम सेल्स ने अपने पत्र में कहा है कि अगस्त-सितंबर तक पावर प्लांट पर्याप्त रैक लोडिंग प्रोग्राम भेज रहे थे, लेकिन अक्टूबर के बाद अचानक इसे कम कर दिया. इससे न केवल बीसीसीएल के उत्पादन पर असर पड़ा है, बल्कि वित्तीय संसाधन भी अवरुद्ध हुए हैं. कई प्लांटों ने गुणवत्ता का हवाला देकर कोयला उठाव कम कर दिया, जबकि वर्षभर के दौरान बीसीसीएल को कोयले की गुणवत्ता पर सराहना पत्र प्राप्त हुए हैं.90% से अधिक एमएसक्यू उठाव करने पर माफ किया पीआइ
बीसीसीएल ने उपभोक्ताओं को याद दिलाया कि उनकी मांग पर कंपनी ने 90% से अधिक एमएसक्यू उठाव करने पर परफॉर्मेंस इंसेंटिव (पीआइ) माफ किया था, जिससे लगभग 1200 रुपये प्रति टन की बचत होती है. इसके बावजूद अचानक लगाये जा रहे प्रतिबंधों से उत्पादन योजना पटरी से उतर रही है. पत्र में कहा गया है कि यदि इस समय पावर प्लांटों में स्टॉक बढ़ा हुआ है, तो उसे गर्मी या बरसात के मौसम में खपत बढ़ने पर आसानी से उपयोग किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
