Dhanbad News: 69 सरकारी दुकानों में रखी हैं 25 हजार शराब की पेटियां
धनबाद में उत्पाद विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
उत्पाद विभाग की 69 सरकारी शराब दुकानों में पिछले चार माह से शराब की करीब 25 हजार पेटियां बंद पड़ी हैं. इससे न सिर्फ सरकारी संपत्ति बेकार पड़ी है, बल्कि सरकार को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उत्पाद विभाग दुकान बंद कर किराये का भुगतान कर रहा है. जानकारी के अनुसार, इन चार माह में दुकानों के किराये पर 30 लाख रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं. बताते चलें कि झारखंड में नयी उत्पाद नीति एक सितंबर 2025 से लागू हो गयी है. राज्य सरकार ने शराब नीति में बदलाव किया है, जिसमें खुदरा कारोबार को इ-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. सरकारी शराब दुकानों की बंदोबस्ती के नियमों में बदलाव होने से शराब की दुकानें प्राइवेट हाथों में चली गयी हैं. ये बदलाव पारदर्शिता बढ़ाने, राजस्व में वृद्धि करने और अवैध शराब बिक्री को रोकने के उद्देश्य से किये गये. पुरानी व्यवस्था में संचालित सरकारी शराब की दुकानों का ऑडिट किया गया. 69 सरकारी शराब की दुकानों में हजारों पेटी शराब रखवा दी गयी. बताया जाता है कि सभी शराब वर्ष 2022-23 की हैं. उन शराब की बोतलों पर झारखंड सरकार का टैग नहीं होने के कारण उसे बेचना मुश्किल हो रहा है.शराब की बोतलें फूटने से भी लाखों रुपये का नुकसान : विभाग की ओर से बताया गया है कि दुकान बंद करने के समय लगभग 33 हजार शराब की पेटियां थीं. लेकिन जब सभी सरकारी शराब की दुकानें बंद की गयीं, तो उस समय पेटियों को इधर से उधर ले जाने के दौरान करीब आठ हजार शराब की पेटियां फूट गयीं. इससे भी सरकार को लाखों का नुकसान हुआ है.
नये गोदाम में शिफ्ट होंगी शराब की पेटियां
अभी दुकान में 25 हजार पेटी शराब पड़ी है. इसे शिफ्ट करने के लिए नये गोदाम लेने की प्रक्रिया जारी है, जो 15 दिनों के अंदर पूरी कर ली जायेगी. सभी शराब की पेटियां गोदाम में शिफ्ट की जायेंगी. दुकानों का किराया जल्द विभाग द्वारा दिया जायेगा.
रामलीला रवानी, सहायक उत्पाद आयुक्तडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
