Deoghar news : आत्महत्या के खतरे की पहचान और मदद मुहैया कराने के मसले पर किया मंथन
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह की शुरुआत एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में की गयी, जिसमें आत्महत्या के कारणों व इसकी रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गयी.
संवाददाता, देवघर. जिला एनसीडी कोषांग की ओर से बुधवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह की शुरुआत एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में की गयी. विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह का उद्घाटन एनसीडी कोषांग के नोडल पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने किया. उन्होंने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह 10 से 16 सितंबर तक तक मनाया जा रहा है. इसे लेकर एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर डॉ मनोज गुप्ता ने बताया कि हर साल 10 सितंबर को आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इसलिए हम यह दिवस मनाते हैं. ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके. वहीं आत्महत्या के खतरे को पहचान करने और समय रहते सही मदद प्रदान करने के लिए मनाया जाता है. आत्महत्या किसी भी उम्र में कोई भी महिला, पुरुष को प्रभावित कर सकती है, इसका कारण मानसिक तनाव, अवसाद, अकेलापन, पारिवारिक या सामाजिक दबाव, नशे की लत और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं व्यक्ति को इस गंभीर कदम उठाने को मजबूर कर देते हैं. इसके अलावा इस समस्या से निपटने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सामाजिक अलगाव को कम करें, स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दें तथा तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं सदर अस्पताल के क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अपर्णा रानी ने भी अवसाद समेत अन्य विषय को लेकर जानकारी दी और लोगों को जागरुक किया. कार्यशाला में साइकाइट्रिक सोशल वर्कर मोहम्मद शरीफ अंसारी, सुलोचना कुमारी, दिव्या ज्योति, रवि चंद्रा मुर्मू , अभिषेक कुमार लाल, शिल्पा कुमारी, सबीना टुडू, लिलान्ती बसकी, प्रिया कुमारी, काजल कुमारी समेत अन्य थे.
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