Deoghar news : मंत्री हफीजुल ने वतनपरस्त भाग-1 का किया लोकार्पण

प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण सह जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने पथलचपटी स्थित आवास पर इतिहासकार व झारखंड शोध संस्थान की नयी किताब ''वतनपरस्त'' का लोकार्पण किया.

By BALRAM | November 17, 2025 9:16 PM

मधुपुर . प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण सह जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन के पथलचपटी स्थित आवास पर स्थानीय इतिहासकार व ””झारखण्ड शोध संस्थान”” के सचिव उमेश कुमार की नयी किताब ””वतनपरस्त”” भाग-1 (वैद्यनाथ की शहीद विभूति) का लोकार्पण मंत्री ने सोमवार को किया. मौके पर मंत्री श्रीहसन ने कहा कि ””वतनपरस्त”” पुस्तक देवघर के शहीदों की साझी विरासत की अमर गाथा है. जिसके लिए लेखक उमेश कुमार बधाई के पात्र है. उम्मीद है कि इससे नयी पीढ़ी को वतनपरस्ती की प्रेरणा मिलेगी. लेखक उमेश कुमार ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख मात्र नहीं किया है, बल्कि शहीदों के चिंतन के मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी समझने का प्रयास किया है. इस पुस्तक में 1857 की क्रांति के शहीद सलामत अली, अमानत अली, शेख हारून के साथ 1908 के डिगरिया पहाड़ बम कांड के शहीद प्रफुल्ल चंद्र चक्रवर्ती, 1942 के आंदोलन में जान कुर्बान करनेवाले अशर्फी लाल कसेरा, त्रिगुणानंद खवाड़े, नज्जू राउत, अयोध्या राउत और फिरंगी पलटन की गोली से एक हाथ गंवाने वाले वीर सपूत पूर्णेंदु बोस का वर्णन है. इसके साथ ही उनकी मानसिक उधेड़बुन के साथ उस दौर की जटिलताओं को समझने का सचेत प्रयास भी है. युवाओं को इसकी पठनीयता पुलकित और प्रेरित करेगी. ””झारखण्ड शोध संस्थान”” के वरिष्ठ सदस्य प्रो. रामनंदन सिंह ने कहा कि आज के व्यस्त और प्रैक्टिकल जीवन में भूले-बिसरे शहीदों को सामने लाना जरूरी है. हम लोग संस्थान के माध्यम से क्षेत्रीय इतिहास के इसी अधूरे काम को पूरी प्रखरता से कर रहे हैं. समाजसेवी सुरेश साह ने कहा कि देवघर के इतिहास के पुनर्लेखन के लिए स्थानीय इतिहासकार उमेश कुमार के प्रयासों को एक सशक्त मंच देना जरूरी है. इतिहासघर का उनका सपना पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. बताया जाता है कि इस पुस्तक का सबसे पहला प्रकाशन सन् 2005 में हुआ था. इस बार इसके नये संशोधित संस्करण का प्रकाशन झारखंड सरकार के पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग ने ””झारखंड शोध संस्थान”” को प्रदत्त वित्तीय सहायता अनुदान के माध्यम से हुआ है. मौके पर समाजसेवी अरविंद कुमार, शत्रुघ्न प्रसाद, महेश मिश्रा, फैयाज कैसर, कन्हैया लाल कन्नू, बबलू यादव, राशिद खान, अनुज कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे.

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