Shravani Mela: बाबा नगरी में कांवड़ यात्रा के दौरान भूल से भी न करें ये गलती, यात्रा हो जायेगी खंडित
Shravani Mela: सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्त्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कांवड़ यात्रा करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है. कांवड़ यात्रा एक कठिन तपस्या भी मानी जाती है. यात्रा के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
Shravani Mela: भोले बाबा का प्रिय सावन का महीना शुरू होने में अब केवल 3 दिन शेष हैं. 11 जुलाई से सावन का पावन माह शुरू हो रहा है. देवघर में श्रावणी मेले को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. श्रावणी मेले में आने वाले लाखों कांवड़ियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. अगर आप भी इस वर्ष भोले बाबा का आशीर्वाद लेने बाबाधाम आ रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ख्याल अवश्य रखना चाहिए.
कठिन तपस्या होती है कांवड़ यात्रा
श्रावणी मेले में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करते हैं. सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्त्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कांवड़ यात्रा करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है. कांवड़ यात्रा एक कठिन तपस्या भी मानी जाती है. यही कारण है कि कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु कई किलोमीटर तक पैदल यात्रा करते हैं. कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. कुछ ऐसी चीजें हैं जो कांवड़ यात्रा के दौरान भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
झारखंड की ताजा खबरें यहां पढ़ें
कांवड़ यात्रा के दौरान रखें इन बातों का खास ख्याल
- कांवड़ यात्रा हमेशा पैदल नंगे पांव ही करनी चाहिए.
- कांवड़ को भूलकर भी कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए.
- कांवड़ यात्रा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना महत्वपूर्ण माना जाता है.
- कांवड़ यात्रा के दौरान सात्विक भोजन, यानी प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा इत्यादि से परहेज करना चाहिए.
- यात्रा के दौरान अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- बिना स्नान किए कांवड़ को छूना अपवित्र माना जाता है.
- कांवड़ यात्रा के दौरान धूम्रपान या खैनी-गुटका का सेवन नहीं करना चाहिए.
- यात्रा के दौरान भोलेनाथ के मंत्रों का जप करना चाहिए.
इसे भी पढ़ें
रांची आने से पहले कहां रहते थे धोनी के माता-पिता, इस जगह से जुड़ा है उनका नाता
