Shravani fair : बाबाधाम में श्रावणी मेला लगेगा या नहीं ? तय करेगा झारखंड हाईकोर्ट

Shravani fair, Deoghar news : देवघर के बैद्यनाथ धाम और बासुकिनाथ धाम में इस वर्ष सावन माह में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2020 9:35 PM

Shravani fair, Deoghar news : देवघर : देवघर के बैद्यनाथ धाम और बासुकिनाथ धाम में इस वर्ष सावन माह में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सावन के पवित्र माह में बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोलने और पूजा शुरू करने की मांग की गयी है. उक्त याचिका गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने दायर की है.

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता रवि प्रकाश मिश्र ने बताया कि मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, पंडा धर्मरक्षिणी सभा देवघर, मंदिर न्यास बोर्ड को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के संक्रमण को देखते हुए प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रावणी मेला का आयोजन किया जाना चाहिए.

यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा कुछ शर्तों के आधार पर निकालने का आदेश दिया था. उसी तर्ज पर देवघर में श्रावणी मेला का आयोजन करने से संबंधित निर्देश राज्य सरकार को देने की मांग की है. प्रार्थी ने कहा कि श्रावणी मेला से करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई हैं.

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हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह ऐतिहासिक मेला साल में एक बार लगता है, जो एक माह तक चलता है. 19वीं शताब्दी में प्लेग महामारी के समय भी श्रावणी मेला का आयोजन हुआ था. श्रद्धालुओं ने बाबा बैजनाथ का दर्शन कर जलाभिषेक किया था. यह आयोजन कभी बंद नहीं हुआ है. अनवरत चलता रहा है. इसका आयोजन नहीं होने से करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी. प्रार्थी ने वैसी स्थिति में देवघर में सभी प्रकार की सावधानी के साथ सावन और भादो माह में आयोजित होनेवाले श्रावणी मेले की अनुमति देने का आग्रह किया है.

लाखों लोगों की आस्था और आजीविका का सवाल है, इसलिए जनहित याचिका दायर

गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर आमलोगों के दर्शन के लिए खुला रहे, यह मेरे जीवन का हिस्सा है. मैं आज जो कुछ भी हूं बाबा के कारण ही हूं. बाबा के प्रति मेरी अंधभक्ति है. इसलिए मुझे बाबा की पूजा के अलावा कुछ नहीं दिखता है.

उन्होंने कहा कि यदि मैं कोरोना को मानता हूं, तो साइंस को भी मानता हूं. यदि बाबा को मानता हूं, तो धर्म को मानता हूं. विज्ञान और धर्म में किसी एक का चयन करना हो, तो धर्म को चुनेंगे. बाबा मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है. लाखों लोगों की आजीविका का भी सवाल है. इसलिए हाइकोर्ट गये हैं. जनहित याचिका दायर किया गया है.

Posted By : Samir ranjan.

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