Sawan 2020 : द्वादशी पर बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से हुई पूजा

Sawan 2020 : शुक्रवार (31 जुलाई, 2020) को श्रावण मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि को बाबा वैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की गयी. इस अवसर पर सुबह लगभग 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. सरकारी पूजा करने के लिए पुजारी सुशील झा और मंदिर दारोगा प्रदीप झा बाबा मंदिर गर्भ गृह आये. सबसे पहले गुरुवार शाम को बाबा की शृंगार पूजा की सामग्रियों को हटाया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2020 5:32 PM

Sawan 2020 : देवघर (दिनकर ज्योति) : शुक्रवार (31 जुलाई, 2020) को श्रावण मास शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि को बाबा वैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की गयी. इस अवसर पर सुबह लगभग 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. सरकारी पूजा करने के लिए पुजारी सुशील झा और मंदिर दारोगा प्रदीप झा बाबा मंदिर गर्भ गृह आये. सबसे पहले गुरुवार शाम को बाबा की शृंगार पूजा की सामग्रियों को हटाया गया.

द्वादश ज्योतिर्लिंग को मखमल के कपड़ा से साफ किया. इसके बाद पुजारी सुशील झा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कांचा जल बाबा पर अर्पित की. इसके साथ ही सभी तीर्थ पुरोहितों ने बाबा पर कांचा जल अर्पित किये. इसके समापन होते ही सरकारी पूजा शुरू हुई. पुजारी सुशील झा ने बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की. इस दौरान बाबा पर फूल, विल्व पत्र, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, साड़ी, जनेऊ आदि मंत्रोच्चार के बीच अर्पित किये.

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इसके बाद सभी तीर्थ पुरोहितों के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. इस बीच महिला तीर्थ पुरोहित गुड़री देवी ने बाबा मंदिर परिसर स्थित देवी शक्ति मंदिरों में माता पार्वती, माता बगला, माता काली, माता संध्या देवी आदि को महा स्नान कराकर सिंदूर पहनाई. सुबह लगभग 6:30 बजे बाबा मंदिर का पट बंद कर दिया.

सभी पुरोहितों के मंदिर परिसर से बाहर निकलते ही पुलिस बलों ने मंदिर को अपने हाथों में ले लिया. मंदिर प्रवेश पर सभी पर रोक लगा दिया गया. मंदिर का मुख्य दरवाजा भी बंद कर दिया गया. कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है. इसे कड़ाई से लागू किया जा रहा है. सभी भक्तों के मंदिर प्रवेश पर रोक लगी है. बाहरी भक्त ही नहीं, स्थानीय भक्तों को भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने की मनाही है. भक्तों को रोकने के लिए मंदिर सहित आसपास पुलिस तैनात है. इससे मंदिर परिसर का क्षेत्र खाली- खाली है.

पिछले वर्ष श्रावणी मेला के 26वें दिन बाबा नगरी में भक्त उमड़ पड़े थे. सभी भक्त पवित्र शिवगंगा में स्नान कर तीर्थ पुरोहित से संकल्प पूजा कर कतार में लगने जा रहे थे. बाबा मंदिर परिसर स्थानीय भक्तों के अलावा झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा, दिल्ली, यूपी, एमपी आदि जगहों के भक्तों से पटा रहता था. बोल बम के जयकारो से मंदिर सहित पूरे बाबा नगरी गुंजमान था. भक्तों को नियंत्रित करने में पुलिस बल लगी हुई थी.

विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज परिसर से ही भक्तों को कंट्रोल करने पुलिस लगी रहती थी. शिव भक्तों की टुकड़ियों को बारी- बारी से जलार्पण के लिए बाबा मंदिर की ओर भेजा जाता था. सेवा शिविर लगा कर कतार में भक्तों की सेवा होती थी. भक्तों के बीच नि:शुल्क फल, चाय, नींबू- पानी, सादा पानी आदि वितरित की जाती थी.

लेकिन, इस बार कोरोना के कारण सब कुछ बदल गया. मेला के उद्गम स्थल सुल्तानगंज से लेकर बाबाधाम तक भक्तों का नामोनिशान नहीं है. गेरुआ वस्त्र धारी शिवभक्त कांवरिया दूर- दूर तक नहीं दिख रहे हैं. सिर्फ भक्तों को रोकने के लिए शहर के अधिकांश मुख्य चौक- चौराहों पर पुलिस 24 घंटे ड्यूटी दे रही है. हर आने- जाने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है. बाबा नगरी आनेवाली वाहनों की जांच की जा रही है. हर गाड़ियों पर पुलिस की नजर है. परमिट दिखाने के बाद ही शहर में प्रवेश दी जा रही है. भक्त दुम्मा बोर्डर पर ही जल डाल कर लौट रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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