Deoghar News : पॉक्सो एक्ट के दोषी युवक को 25 वर्ष की सश्रम सजा, 35 हजार रुपये जुर्माना

नाबालिग लड़की की निजी तस्वीर खींचने तथा ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाये गये युवक प्रवीण कुमार को 25 वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही विशेष अदालत ने 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

By FALGUNI MARIK | October 31, 2025 7:39 PM

विधि संवाददाता, देवघर : नाबालिग लड़की की निजी तस्वीर खींचने तथा ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाये गये युवक प्रवीण कुमार को 25 वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही विशेष अदालत ने 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह राशि पीड़िता को देय होगी. सजायाफ्ता युवक अगर जुर्माना की राशि अदा नहीं करता है, तो अलग से दो साल की सश्रम सजा काटनी होगी. उपरोक्त फैसला एडीजे तृतीय सह पॉक्सो एक्ट स्पेशल जज राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद सुनाया गया. सजा पाने वाला अभियुक्त गोड्डा जिले बेलबड्डा थाना क्षेत्र के बेलबड्डा गांव का रहने वाला है. इसके विरुद्ध देवघर नगर थाना में पीड़िता के बयान पर पांच नवंबर 2023 को मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें दुष्कर्म ,पॉक्सो एक्ट समेत कई अन्य धाराएं लगायी गयी थी. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी की व नामजद के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया. इसके बाद केस का स्पीडी ट्रायल चला, जिसमें अभियोजन पक्ष से नौ लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी और दोष सिद्ध कराने में सफल रहा. अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार सिंह ने पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता अमन कुमार ने पक्ष रखा. क्या था मामला दर्ज मुकदमा के अनुसार, पीड़िता और आरोपित की जान पहचान किसी पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. इसके बाद आरोपित उसके घर पर आ पहुंचा, उस समय वह स्नान कर रही थी. आरोपित ने उसकी तस्वीर मोबाइल से खींच ली व सोशल साइट पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा था. उसके साथ शहर के एक वाटिका में ले गया व दुष्कर्म किया. इस संबंध में नगर थाना में केस दर्ज हुआ, जिसमें गैर जमानती धाराएं लगायी गयी थी. मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल जज ने अलग-अलग धाराओं में दोषी पाकर उपरोक्त सजा सुनायी व जुर्माना भी लगाया. पीड़िता को महज दो साल के अंदर न्याय मिला. हाइलाइट्स मामले का हुआ स्पीडी ट्रायल, दो साल बाद आया फसला स्पेशल जज राजेंद्र कुमार सिन्हा ने सुनाया फैसला

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