Deoghar News : श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दूसरे दिन इस्कॉन में मनाया गया नंदोत्सव
डाबरग्राम स्थित इस्कॉन मंदिर में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का समापन रविवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ.
प्रतिनिधि, जसीडीह : डाबरग्राम स्थित इस्कॉन मंदिर में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का समापन रविवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ. महोत्सव के अंतिम दिन नंदोत्सव और इस्कॉन के संस्थापक आचार्य भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद की 129वीं आविर्भाव तिथि धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर केक काटा गया तथा भक्ति गीतों से वातावरण गूंज उठा. सांस्कृतिक कार्यक्रम में इस्कॉन के अनुयायियों व बच्चों द्वारा नृत्य, संगीत व विभिन्न नाटकों को प्रस्तुत किया गया. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म महोत्सव पर मंगल आरती, गुरु पूजा, भागवत चर्चा, श्रील प्रभुपाद की महिमा कीर्तन, पुष्प अभिषेक, भोग निवेदन व महाआरती की गयी. साथ ही सभी अनुयायियों द्वारा हरे कृष्ण महामंत्र व हरि बोल के उद्घोष से कार्यक्रम का समापन किया गया. साथ ही भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया. महाप्रसाद लेने के लिए इस्कॉन परिसर में भक्तों की लंबी कतार लगी रही. सभी भक्त कतार में लगकर बारी-बारी से महाप्रसाद ग्रहण किये. जन्माष्टमी को लेकर सभी भक्त भक्ति रस में डूबे रहे. देवघर इस्कॉन के प्रमुख श्रीनिवास गोपाल दास ने कहा कि अर्ध रात्रि में कृष्ण का जन्म कंस के कारागार में होने के बाद उनके पिता वासुदेव ने कंस के भय से बालक को रात्रि में ही यमुना नदी पार कर नंद बाबा के यहां गोकुल में छोड़ दिये थे. इस कारण गोकुल में जन्म के दूसरे दिन नंद उत्सव मनाया जाता है. भाद्रपद नवमी के दिन समस्त ब्रजमंडल में नंद उत्सव की धूम रहती है. उन्होंने कहा कि विश्व में हरे कृष्ण महामंत्र तथा सनातन धर्म के प्रसिद्ध प्रचारक अभयचरणविंद भक्ति वेदांत स्वामी श्री प्रभुपाद भगवान कृष्ण के भक्त व गोरडीह वैष्णव गुरु थे. उन्होंने पूरे विश्व में इस्कॉन की स्थापना सनातन धर्म प्रचार के लिए की थी. प्रभुपाद इस्कॉन के संस्थापक सह आचार्य हैं. प्रभुपाद पूरे विश्व में लोगों को भारतीय संस्कृति को सिखाये हैं. हाइलाइट्स डाबरग्राम इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव का भव्य समापन श्रील प्रभुपाद की जयंती पर हुआ कार्यक्रम
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