विनोदा बाबू के अवदानों को सामाजिक तौर पर याद करने की जरूरत

बुधवार को तक्षशिला विद्यापीठ के सभागार में पंडित विनोदानंद झा की 124वीं जयंती समारोह सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने शिरकत की.

By Prabhat Khabar | April 17, 2024 10:01 PM

प्रमुख संवाददाता, देवघर बुधवार को तक्षशिला विद्यापीठ के सभागार में पंडित विनोदानंद झा की 124वीं जयंती समारोह सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने शिरकत की. उनके साथ मंच पर तक्षशिला विद्यापीठ के चेयरमैन कृष्णानंद झा, अध्यक्षता कर रहीं हिंदी विद्यापीठ की कुलपति डॉ प्रमोदिनी हांसदा, डॉ एसएन झा, जनरल रहे ललन पंजीकर और रमेश बाजला मौजूद थे. समारोह में मुख्य अतिथि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि पंडित विनोदानंद झा ने संताल परगना का समग्र विकास किया. आदिवासियों की जमीन जो एसपीटी एक्ट के कारण बची है, वो उन्हीं की देन है. 100 साल पहले एक व्यक्ति ने दलितों, आदिवासियों के लिए सोचा, उन बातों को उनके अवदानों को समाज को बताने, उसे जिंदा रखने की जरूरत है. सांसद ने कहा कि क्यों सिर्फ कृष्णानंद झा ही विनोदा बाबू की जयंती मनायेंगे. सामाजिक तौर पर लोग उन्हें क्यों याद नहीं करते, उनकी जयंती क्यों नहीं मनाते हैं. हमें महापुरुषों को किसी विचारधारा, दल, जाति से जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज के लिए इतना करने के बाद यदि सोसाइटी के तौर पर महापुरुषों को याद नहीं किया जाये, ये देखकर पीड़ा होती है. उन्होंने कहा कि एक कमेटी या संस्था बननी चाहिए और व्यापक पैमाने पर समाज उनकी जयंती मनाये तो ये पंडित जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. कार्यक्रम में डॉ कृष्णानंद झा ने अपने संबोधन में अपने पूज्य पिता की जयंती पर उन्हें सम्मानित किए जाने के लिए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. अंत में कुलपति प्रमोदिनी हांसदा ने अध्यक्षीय भाषण दिया और पंडित जी के व्यक्तित्व व कृतित्व को सदैव याद रखने की बात कही. स्वागत भाषण मोतीलाल द्वारी ने दिया और मंच संचालन राम सेवक सिंह गुंजन ने किया. इससे पूर्व दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही वैष्णव जन तो तेने कहिए … व श्री रामचंद्र कृपालु भजमन….के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ.

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