देवघर : सदन में बोले गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे, धर्मांतरण करनेवाले आदिवासी को नहीं मिले आरक्षण

देवघर : बुधवार को लोकसभा में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे धर्मांतरण के मुद्दे पर जमकर बोले. उन्होंने धर्मांतरण करने वाले आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने की मांग की. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि जब यह संविधान बना तो एससी व एसटी को आरक्षण देने पर संविधान सभा का खुला मत था. उसी में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 21, 2019 7:39 AM
देवघर : बुधवार को लोकसभा में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे धर्मांतरण के मुद्दे पर जमकर बोले. उन्होंने धर्मांतरण करने वाले आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने की मांग की.
सांसद डॉ दुबे ने कहा कि जब यह संविधान बना तो एससी व एसटी को आरक्षण देने पर संविधान सभा का खुला मत था. उसी में दो भाग किये गये, जिसमें था कि यदि एससी अपना धर्म बदल लेंगे तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. लेकिन एसटी के लिए कहा गया कि उनका रहन-सहन, आचार, विचार व व्यवहार अलग है. इस कारण एसटी को उसमें एक रिजन दे दिया गया.
लेकिन झारखंड की स्थिति यह है कि वर्ष 1947 में तीन फीसदी लोगों का धर्मांतरण हुआ था. अभी झारखंड की स्थिति ऐसी है कि अनुसूचित जनजाति की 26 फीसदी में से 20 फीसदी यानी करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने धर्मांतरण कर लिया है. धर्मांतरण से एसटी का पूरा कल्चर बदल गया है. धर्मांतरण करने वाले लोग शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक तौर पर लोगों को प्रभावित करके धर्मांतरण करवा रहे हैं.
जब संविधान सभा में बहस हुई और हमारे पूर्वजों ने कहा कि यदि इस तरह की परिस्थिति हुई तो एसटी को एससी की तरह धर्म परिवर्तन के बाद आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. डॉ दुबे ने भारत सरकार से आग्रह किया कि एससी की तरह एसटी को धर्मांतरण के बाद आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. ऐसे कानून बनाकर ही हम धर्मांतरण पर रोक लगा पायेंगे.

Next Article

Exit mobile version