खैवा बंदारू जलप्रपात बना सैलानियों की पहली पसंद

लावालौंग प्रखंड की कटिया पंचायत में स्थित प्रसिद्ध खैवा बंदारू जलप्रपात इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.

By VIKASH NATH | December 17, 2025 8:21 PM

चतरा. लावालौंग प्रखंड की कटिया पंचायत में स्थित प्रसिद्ध खैवा बंदारू जलप्रपात इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. जंगलों के बीच स्थित यह जलप्रपात अपनी कलकल करती धारा और प्राकृतिक दृश्य से हर किसी का मन मोह लेता है. नववर्ष और सर्दियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने और प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं. झरने का दृश्य देखते ही बनता है. घाटी के दोनों ओर पत्थरों को प्राकृतिक रूप से तराशा गया है, जिनमें बनी विभिन्न आकृतियां इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती है. सुरीली प्रतिध्वनि और वन्य जीवों की छटा झरने के दह में यदि कोई पत्थर फेंका जाये, तो एक सुरीली प्रतिध्वनि सुनायी देती है, जो वातावरण को और भी रोमांचक बना देती है. आसपास कबूतरों की फड़फड़ाहट, कोयल की कुहू-कुहू और पपीहों की पी-पी की आवाज मन को आनंदित कर देती है. प्रकृति प्रेमी यहां फुदकते हिरण, कोटरा सहित कई वन्य जीवों को देख सकते हैं. सैलानियों के लिए सुविधाएं यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए यात्री शेड, बिजली और पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है. दिसंबर माह से ही यहां सैलानियों का आना शुरू हो जाता है, जबकि नववर्ष के अवसर पर चतरा, सिमरिया, लावालौंग के अलावा लातेहार जिले से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. शांत वातावरण के कारण लोग यहां आकर सुकून महसूस करते हैं. ऐसे पहुंचे खैवा बंदारू जलप्रपात चतरा जिला मुख्यालय से यह जलप्रपात लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर, चतरा–बगरा मुख्य पथ के समीप स्थित बधार गांव के पास है. बधार से पश्चिम दिशा में करीब छह किमी की दूरी तय कर जलप्रपात तक पहुंचा जा सकता है. यहां बाइक और चारपहिया वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा लावालौंग की ओर से भी जलप्रपात तक जाने का मार्ग उपलब्ध है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है