फंड के अभाव में दो सालों से पंचायतों का विकास कार्य ठप
लाभुक हर रोज प्रखंड कार्यालय का लगा रहे हैं चक्कर
: लाभुक हर रोज प्रखंड कार्यालय का लगा रहे हैं चक्कर चतरा. फंड के अभाव में जिले की पंचायतों में होने वाले विकास के काम दो वर्षों से ठप पड़े हैं. मनरेगा के तहत एक-दो योजना को छोड़ कर कोई भी काम नहीं चल रहा है. 15वीं वित्त व राज्य वित्त योजना की राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है, जिसके कारण पंचायत में कोई भी काम नहीं हो रहा है. कागज पर विकास कार्य दिखायी दे रहे हैं, लेकिन धरातल पर नहीं हो रहा है. पंचायत में नाली, पीसीसी सड़क, पेयजल, स्वच्छता से संबंधित कार्य किये जाते हैं, सभी कार्य ठप हैं. मुखिया पंचायत सचिवालय में बैठ कर सिर्फ जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्रों के फॉर्म पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. साथ ही योजना को लेकर ग्राम सभा कर रहे हैं. मनरेगा के तहत पक्का वर्क करने वाले लाभुकों को मटेरियल की राशि नहीं मिली है. लाभुक हर रोज प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. भुगतान नहीं होने से लाभुकों को दुकानदारों का भला बुरा सुनना पड़ रहा है. 15वीं वित्त के तहत कार्य करने वाले लाभुक भी भुगतान के लिए पंचायत सचिवालय का चक्कर काट रहे हैं. फंड आने का आस लगाये हुए हैं. मुखिया संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह लमटा पंचायत के मुखिया अमित चौबे ने बताया कि रॉयल्टी व लेबर कोष की राशि सभी पंचायतों द्वारा नया खाता खोल कर पंचायत के खाता में जमा कर दी गयी है. इसके बाद सरकार द्वारा फंड नहीं भेजी जा रही है. डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी 15वीं वित्त की राशि नहीं मिली है. पंचायत के विकास व फंड की मांग को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बाद भी सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. राशि जल्द हस्तांतरित होगी: डीडीसी डीडीसी अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 15वीं वित्त की राशि उपलब्ध करायी गयी है. बहुत जल्द पंचायतों के खाते में हस्तांतरण किया जायेगा.
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