मानकों को पूरा नहीं करनेवाले 13 विद्यालयों को बंद करें
जिले की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित व परिणामोन्मुख बनाने के उद्देश्य से बुधवार को समाहरणालय सभाकक्ष में उपायुक्त कीर्तिश्री जी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई.
निजी विद्यालयों की संबंद्धता व नामांकन पर लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय डीसी ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक, कहा चतरा. जिले की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित व परिणामोन्मुख बनाने के उद्देश्य से बुधवार को समाहरणालय सभाकक्ष में उपायुक्त कीर्तिश्री जी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक के दौरान जिले के शिक्षा तंत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों, कार्यप्रणाली, विद्यालय प्रबंधन, डेटा अद्यतन, नामांकन, शिक्षक उपस्थिति और छात्र हितों से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गयी. बैठक के प्रारंभ में पिरामल फाउंडेशन एवं प्रखंड स्तर पर की गयी संयुक्त जांच से जुड़ा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. जिसमें कई निजी विद्यालयों की आरटीई संबंद्धता संबंधी कमियों की जानकारी सामने आयी. इन प्रतिवेदनों पर गंभीरता से विचार करते हुए उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले में ऐसे पांच निजी विद्यालयों, जिनकी संबंद्धता प्रक्रिया लंबित है. उनकी संचिकाएं तुरंत जिला कार्यालय में प्रस्तुत की जाये. ताकि उन्हें निर्धारित मानकों के अनुरूप आगे बढ़ाया जा सके. वहीं दूसरी ओर जांच में मानकों को पूरा नहीं करने वाले तेरह निजी विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया को गति देने का आदेश दिया गया. ताकि छात्रहित को किसी प्रकार का नुकसान न हो और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे. बैठक में ई-विद्यावाहिनी पोर्टल व मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े छात्र संख्या विवरणों की समीक्षा भी महत्वपूर्ण विषय रहा. कई विद्यालयों में पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या और वास्तविक उपस्थिति में अंतर सामने आने के बाद उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विद्यालय का विस्तृत विश्लेषण कर वास्तविक छात्र संख्या पर आधारित रिपोर्ट तैयार करें. पिरामल फाउंडेशन को इन आंकड़ों का रैंडम निरीक्षण कर सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया. ताकि योजनाओं के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान सटीक रूप से सुनिश्चित हो सके. उपायुक्त ने यह भी कहा कि डेटा की विश्वसनीयता ही सरकारी योजनाओं के प्रभावी संचालन की नींव है. किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बैठक में शिक्षकों की उपस्थिति से संबंधित मामलों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गयी. कई मामलों में पाया गया कि शिक्षक बिना स्वीकृति लिये अवकाश पर रहते हैं. जिससे विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित होती है. इस पर नाराजगी जताते हुए उपायुक्त ने यह स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में संबंधित शिक्षक का अवकाश काटते हुए वेतन एवं मानदेय का भुगतान कटौती करने का निर्देश दिया गया. लगातार ऐसी लापरवाही करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए संचिका तैयार करने का भी आदेश दिया गया, ताकि शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही सुनिश्चित हो सके. राज्य रेल परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट अपलोड नहीं किए जाने के मामले पर उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने कहा कि ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर परीक्षा परिणाम अपलोड नहीं करना गंभीर लापरवाही मानी जायेगी. उन्होंने संबंधित बीइइओ एवं बीपीओ को चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि अगली समीक्षा बैठक तक शत-प्रतिशत परिणाम अपलोड नहीं किये जाने पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. बैठक में छात्राओं के जन्म प्रमाणपत्र, आधार निर्माण व बैंक खाता खोलने से जुड़े मामलों पर भी समीक्षा की गयी. उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिन छात्राओं के जन्म प्रमाणपत्र तैयार हो चुके हैं उन्हें प्रखंड कार्यालयों से समन्वय स्थापित कर अभिभावकों तक उपलब्ध कराया जाये तथा उनके आधार एवं बैंक खाते शीघ्र खुलवाये जायें, ताकि वे विभिन्न छात्रवृत्ति एवं प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें. बैठक में पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि, उपविकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार मिश्रा, जिला शिक्षा अधीक्षक रामजी कुमार, सभी प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी, बीइइओ, बीआरपी, सीआरपी सहित काफी संख्या में विभागीय अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे.
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