जर्जर हो गया है एनएच 99 का चतरा-डोभी पथ, 2 साल पहले ही सड़क निर्माण का कार्य हुआ था शुरू, फिर लगी रोक

एनएच 99 के चतरा-डोभी पथ जर्जर स्थिति में है. पथ खराब होने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. यह पथ चतरा की लाइफलाइन है.

By Prabhat Khabar | December 2, 2021 1:48 PM

चतरा : एनएच 99 के चतरा-डोभी पथ जर्जर स्थिति में है. पथ खराब होने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. यह पथ चतरा की लाइफलाइन है. चतरा के अधिकतर व्यवसायी गया से कारोबार करते हैं. हर रोज आना-जाना होता है. हंटरगंज, प्रतापपुर, कुंदा के लोग इसी पथ से जिला मुख्यालय आते जाते हैं. सड़क जर्जर होने से आये दिन दुर्घटना होती रहती है. उक्त तीनों प्रखंड के ज्यादातर बच्चे चतरा कॉलेज चतरा पढ़ाई करने आते हैं.

सड़क नहीं बनने से लोगो में नाराजगी है. हालांकि दो साल पूर्व सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन वन विभाग ने रोक लगा दी. एनओसी मिलने के बाद ही कार्य शुरू करने की बात कही. एनओसी के लिए संवेदक द्वारा कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक एनओसी नहीं मिला, जिसके कारण सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. उक्त पथ पर वाहनों को चलने से हमेशा धूल उड़ती रहती है, जिसके कारण राहगीरों को काफी परेशानी होती है. सबसे अधिक परेशानी बाइक चालको को होती है.

क्या कहते हैं रेंजर

रेंजर सूर्यभूषण कुमार ने कहा कि कुछ क्षेत्र का एनओसी दिया गया है. शेष क्षेत्र का एनओसी देने की प्रक्रिया जारी है. बहुत जल्द एनओसी दिया जायेगा.

हर रोज सैकड़ों वाहन का होता है परिचालन :

चतरा-डोभी पथ से हर रोज सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन होता है. उक्त सड़क से लोग गया, डोभी, शेरघाटी, हंटरगंज, पटना, जहानाबाद, औरंगाबाद, बनारस आते-जाते हैं. गया स्टेशन से ट्रेन से सफर करने वाले लोग उक्त पथ से ही जाते हैं. इसके अलावा कुंदा, प्रतापपुर के लोग आवश्यक कार्य के लिए जिला मुख्यालय आते-जाते हैं. रातभर माल वाहक वाहनों का परिचालन होता हैं.

मरीज को अस्पताल ले जाने में होती है परेशानी :

प्रतापपुर के भोला प्रसाद ने कहा कि सड़क खराब होने के कारण जिला मुख्यालय आने-जाने में काफी परेशानी होती है. जिला मुख्यालय आने के लिए कई बार सोचना पड़ता है. बीमार लोगों को सदर अस्पताल ले जाने में दिक्कत होती है. हंटरगंज के छात्र विकास कुमार ने कहा कि पढ़ाई के लिए चतरा कॉलेज आना जाना पड़ता है. सड़क खराब होने के कारण समय पर कॉलेज नहीं पहुंच पाते हैं, जिसके कारण पढ़ाई प्रभावित होती है.

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