कोरोना के संक्रमण से मुक्त हुआ झारखंड का चतरा जिला, एकमात्र मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी

झारखंड का चतरा जिला कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद एक बार फिर से ग्रीन जोन बन गया है. कोरोना पॉजिटिव एकमात्र युवक अब इस संक्रमण से मुक्त हो गया है. इसके साथ ही चतरा जिला भी कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो गया है. मंगलवार को सदर अस्पताल में युवक की जांच हुई थी, जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इसके बाद उसे सम्मानपूर्वक एंबुलेंस से घर भेज दिया गया. कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत बकचुंबा पंचायत के मंझौलीखुर्द गांव के युवक को फल, गमछा, गीता पुस्तक व सैनिटाइजर देकर विदा किया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2020 12:37 PM

चतरा : झारखंड का चतरा जिला कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद एक बार फिर से ग्रीन जोन बन गया है. कोरोना पॉजिटिव एकमात्र युवक अब इस संक्रमण से मुक्त हो गया है. इसके साथ ही चतरा जिला भी कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो गया है. मंगलवार को सदर अस्पताल में युवक की जांच हुई थी, जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इसके बाद उसे सम्मानपूर्वक एंबुलेंस से घर भेज दिया गया. कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत बकचुंबा पंचायत के मंझौलीखुर्द गांव के युवक को फल, गमछा, गीता पुस्तक व सैनिटाइजर देकर विदा किया गया.

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इस अवसर पर उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जांच में रिपोर्ट निगेटिव आयी है. जिले में अब एक भी कोरोना का मरीज नहीं है. चतरा जिला फिर से ग्रीन जोन बन चुका है. उन्होंने युवक को 14 दिन होम कोरेंटिन में रहने की सलाह दी. साथ ही उपायुक्त ने स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद भी दिया.

इससे पहले, वहां उपस्थित लोगों ने युवक पर फूलों की बारिश करके उसका हौसला बढ़ाया. कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत बकचुंबा पंचायत के मंझौलीखुर्द गांव के युवक को 21 मई, 2020 की सुबह जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उसे भर्ती करके गांव को सील कर दिया गया था.

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साथ ही पूरे गांव को और आसपास के क्षेत्रों को सैनिटाइज किया गया था. 12 मई को युवक अपने परिवार के साथ मुंबई से गांव लौटा था. युवक ने सदर अस्पताल आकर सैंपल दिया. इसके बाद प्रखंड प्रशासन ने उसे बिरेखाप स्कूल में अन्य छह लोगों के साथ कोरेंटिन किया था. युवक मुंबई के अपोलो अस्पताल में काम करता था. अस्पताल के वाहन से ही घर आया था.

कोरोना मुक्त होने पर युवक के चेहरे खुशी झलक रही थी. युवक ने कहा कि उसे पहले भी अहसास था कि उसे कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ है. कोरोना का कोई लक्षण उसमें नहीं था. कभी कोई परेशानी भी नहीं हुई.

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मौके पर डीडीसी मुरली मनोहर प्रसाद, एसडीओ राजीव कुमार, सीएस डॉ अरुण कुमार पासवान, कार्यपालक दंडाधिकारी धीरज ठाकुर, पूर्णिमा कुमारी, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ आशुतोष कुमार, डीएस डॉ हरिद्वार सिंह, डॉ मनीष कुमार समेत कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.

कोरेंटिन अवधि पूरी करने वाले मजदूरों को भेजा गया घर

इधर, पत्थलगड्डा प्रखंड के नावाडीह कोरेंटिन केंद्र में 14 दिन की अवधि पूरी करने वाले 50 मजदूरों को उनके घर भेज दिया गया. मुखिया मेघन दांगी ने सभी को पुष्प भेंट किया. इन लोगों को मास्क का इस्तेमाल करने, सैनिटाइजर लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गयी. सभी मजदूर मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद से लौटै थे. पंचायत में तीन कोरेंटिन केंद्र हैं, जिसमें 150 से अधिक मजदूर थे. 50 मजदूरों को छुट्टी मिल चुकी है.

उधर, कान्हाचट्टी प्रखंड के कैंडीनगर पंचायत के कादे गांव में बने कोरेंटिन केंद्रों से 60 प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की अनुमति दे दी गयी. राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय कादे व मानसरोवर स्कूल में बने कोरेंटिन से मजदूरों को छोड़ा गया. सभी दूसरे प्रदेशों आये थे.

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