नहीं थम रही कोयला वाहनों से दुर्घटना

कोयला वाहनों से हो रही दुर्घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब तक सैकड़ों लोगों की मौत कोयला वाहनों की चपेट में आने से हो चुकी है.

By PRAVEEN | March 20, 2025 8:22 PM

चतरा. कोयला वाहनों से हो रही दुर्घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब तक सैकड़ों लोगों की मौत कोयला वाहनों की चपेट में आने से हो चुकी है. सबसे अधिक दुर्घटना टंडवा-सिमरिया पथ में हुई है. इसके अलावा सिमरिया-हजारीबाग, चतरा कटकमसांडी पथ पर दुर्घटना हो रही है. दुर्घटना के बाद भी कोयले की ढुलाई पर रोक नहीं लगायी गयी है. हर रोज टंडवा के मगध व आम्रपाली से सैकड़ोें वाहनों से कोयले की ढुलाई होती है. सिमरिया को छोड़ कर कहीं भी नो इंट्री नहीं लगी है. जिसके कारण दिन-रात कोयला लदे वाहनों का परिचालन होता है. कोयला का ढुलाई घनी आबादी वाले क्षेत्र से की जाती है. बुधवार को सिमरिया प्रखंड के लेपो गांव के समीप कोयला लदे वाहन ने दो लोगों को चपेट में ले लिया था, जिससे दोनों की मौत हो गयी. मंगलवार की शाम डाड़ी के पास कोयला लदा वाहन के चपेट में आने से डाड़ी निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. कोयले की ढुलाई वर्ष 2013 से प्रारंभ हुई है, जिसमें करीब 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. सिमरिया के मुरबे के पास कोयला लदा वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है, जिसके कारण कई बार दुर्घटना घट चुकी है. नो इंट्री खुलने के समय कोयला लदे वाहनों को चलने से छोटे वाहनों को आने जाने में घंटों इंतजार करना पड़ता है. सड़क के दोनों किनारे वाहन लगे रहते हैं. नहीं मिलता हैं समुचित मुआवजा कोल वाहनों के शिकार लोगो को आश्रितों को समुचित मुआवजा नहीं मिलता है. सीसीएल के द्वारा मुआवजा नीति नहीं बनाये जाने के कारण सड़क दुर्घटना में मौत के परिजनों को समुचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. मुआवजा नीति बनाने की मांग को लेकर सांसद, विधायक समेत कई जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन किया गया हैं, लेकिन आज तक मुआवजा नीति नहीं बनी है. धूल से होती है परेशानी कोल वाहनों के परिचालन से सड़कों पर हमेशा धूल उड़ते रहती है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है. सड़क किनारे रहने वाले लोगो के घरों में खाद्य सामग्री धूल से खराब हो जाती है. साथ ही दुकानदारों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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