Chaibasa News : लंबे समय से जमे शिक्षकों का हो ट्रांसफर, अभिभावक बोले – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहिए

अभिभावक बोले- झाड़-फूंक नहीं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहिए

By AKASH | May 6, 2025 11:12 PM

जैंतगढ़.

झारखंड शिक्षा विभाग की ओर से लेटलतीफ शिक्षकों पर नकेल कसे जाने का अभिभावकों ने स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही व्यवस्था पर तीखी प्रतिक्रिया भी की है. अभिभावकों का कहना है कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था सिर्फ चमचमाती रिपोर्टों पर टिकी है. भीषण गर्मी में बच्चों को 9 से 3 बजे तक पढ़ाना, तरह-तरह की रिपोर्टिंग की मांग और अब बायोमीट्रिक उपस्थिति, यह सब झाड़-फूंक जैसा है. हमें दिखावा नहीं, वास्तविक शिक्षा चाहिए.

ओडिशा में बायोमीट्रिक्स नहीं, फिर भी शिक्षा बेहतर

निवास तिरिया ने कहा कि पड़ोसी राज्य ओडिशा में बायोमीट्रिक व्यवस्था नहीं है, फिर भी शिक्षा का स्तर कहीं बेहतर है. उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग सिर्फ शिक्षकों पर सख्ती कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है. हमें कड़ाई नहीं, पढ़ाई चाहिए.

शिक्षकों की बहाली और स्थानांतरण की मांग

राजू गोप ने कहा कि समय के साथ बदलाव जरूरी है. वर्षों से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाए. विशेषकर स्थानीय कर्मचारियों का, जिन पर गांव समाज का कोई दबाव नहीं चलता. उन्होंने सवाल उठाया कि जब शिक्षक अपने गृह ग्राम में पदस्थ हैं, तो मकान भत्ता क्यों मिल रहा है. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है.

स्थानांतरण नीति में बदलाव की जरूरत

बजमती तिरिया ने कहा कि पहले प्राथमिक विद्यालयों में प्रखंड के बाहर और उच्च विद्यालयों में जिले के बाहर शिक्षकों की पदस्थापना होती थी, जिससे पढ़ाई बेहतर होती थी. सरकार को वही नीति फिर से लागू करनी चाहिए.

बायोमीट्रिक्स नहीं, गुणवत्ता चाहिए

गीता तिरिया ने कहा कि बायोमीट्रिक उपस्थिति को लचीला बनाया जाए. ऐसा लग रहा है कि विभाग को सिर्फ हाजिरी बनाना ही जरूरी लगता है. रिपोर्टों और ट्रेनिंग पर जोर देकर विभाग शिक्षा की गुणवत्ता का केवल दिखावा कर रहा है, जबकि हकीकत में स्थिति चिंताजनक है. उपस्थिति नहीं, शिक्षकों की मानसिक उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर ध्यान दिया जाए.

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