Chaibasa News : हथिनी को ट्रैंकुलाइज कर घाव का ऑपरेशन किया गया
छठे दिन वन विभाग को बेहतर इलाज करने में मिली सफलता, घायल हथिनी के पैर में दवा, पट्टी कर पहनाया गया है जूता
मनोहरपुर. घायल हथिनी के इलाज के लिए शनिवार का दिन महत्वपूर्ण रहा. शनिवार को काफी मेहनत के बाद हथिनी को ट्रेंकुलाइज कर समुचित इलाज शुरू कर दिया गया. विभाग और वनतारा की मेडिकल टीम ने उसे सलीके से ट्रेंकुलाइज किया. हथिनी के जख्म में दवा, पट्टी और मलहम लगाने के बाद हाथी के पैर में जूते पहनाये गये. हथिनी के जख्म का सफल ऑपरेशन के बाद टीम के चेहरे खुशियों की लहर दौड़ गयी. विभाग को अब शत- प्रतिशत उम्मीद हो गयी है कि हथिनी अब जल्द ही स्वस्थ हो जायेगी. पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे पोड़ाहाट डीएफओ नीतीश कुमार ने पूरी टीम को बधाई दी है. मालूम रहे कि घायल हथिनी के रेस्क्यू और इलाज के लिए वन विभाग और वनतारा की टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. हाथी पर बराबर नजर रखी गयी. इस मौके पर प्रशिक्षु आइएफएस अनुराधा मिश्रा और प्रशांत भविष्यकर, गुवाहाटी के प्रोफेसर डॉ कुशल कुंवर शर्मा, रेंज अधिकारी रामनंदन राम, परमानंद रजक, शंकर भगत और डॉ संजय घोलटकर समेत वन विभाग की टीम मौजूद रही.
गुवाहाटी से बुलाये गये विशेषज्ञ चिकित्सक
जानकारी के मुताबिक हथिनी के इलाज के लिए वनतारा की टीम पहले से मौजूद थी, परंतु वनतारा की टीम में और दो चिकित्सकों को बुलाया गया. जबकि विशेष रूप से गुवाहाटी के वेटनरी कॉलेज के प्रो और एशिया के सबसे बड़े हाथी चिकित्सक डॉ कुशल कुंवर शर्मा और वनतारा से दो अतिरिक्त डॉक्टरों की मौजूदगी में इलाज किया गया.ट्रैकुलाइज करने के बाद हाथी को गिरने नहीं दिया गया : डीएफओ
पोड़ाहाट के डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि शनिवार दोपहर एक बजे के बाद हाथी को सुरक्षित स्थान पर लाकर ट्रैंकुलाइज किया गया. हाथी को ट्रैंकुलाइज करने बाद गिरने नहीं दिया गया. चारों ओर से विभाग और गांव के लोग हाथी को पकड़ लिए. इसके बाद हाथी का इलाज शुरू किया गया. इसमें दो घंटे से अधिक का समय लगा. उन्होंने कहा कि हथिनी को अभी यहीं पर फेंसिंग कर रखा जायेगा. मचान से 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाएगी. हथिनी का ब्लड सैंपल ओडिशा भेजा गया है. रविवार को रिपोर्ट आने के बाद हथिनी के इलाज में और तेजी आयेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
